June 21, 2025
लाइफस्टाइल

Rat Person बन रहे चीनी युवा, कमरे को अपना बिल कहते हैं

चीनी सरकार की चिंता बढ़ा दी है युवाओं में बढ़ रहे चूहा प्रवृत्ति के ट्रेंड ने

चीन के युवाओं में अब रैट पर्सन बनने का नया ट्रेंड जोर पकड़ रहा है. 2021 में शुरू हुए इसी तरह का एक और कथित आंदोलन चला था जिसे नाम दिया गया था ‘लाइंग फ्लैट’ और इसमें युवा सारे काम छोड़कर सोए रहने का आंदोलन कर रहे थे. अब जो नया ट्रेंड चला है उसमें युवा न नौकरी पर जा रहे हैं और न बाकी काम करना पसंद करते हैं बल्कि इंटरनेट चलाते हुए और बाहर से खाना मंगवा कर खाते हुए चूहे की तरह अपने बिल यानी कमरे में ही पड़े रहते हैं. मजे की बात यह है कि कोई दूसरा इन्हें चूहा नहीं कह रहा बल्कि ये युवा खुद को ‘रैट पर्सन’ कहलाना पसंद कर रहे हैं. ऐसे युवा सोशल मीडिया पर खुद को थका हुआ, निराश और ऊबा हुआ बताते हैं और ऐसे चूहों की संख्या चीन में लगातार बढ़ती ही जा रही है. ये सोने से बचे समय में जो इंटरनेट चलाते हैं उसमें अपनी थकान का जिक्र करते हैं और इनको वाकई थका हुआ मानने वाले इन्हें जमकर लाइक्स भी देते हैं. चीनी सरकार कोशिश कर रही है कि युवा तकनीक और इनोवेशन में काम करें और ये युवा ‘चूहे’ इस रेस से खुद को बाहर बताते हैं. 20 से 30 साल तक के इन शहरी युवाओं में इसे मौजूदा सिस्टम से बगावत का तरीका कहा जा रहा है. इस बगावत से प्रभावित प्रोफेशनल्स ने काम करना बंद कर करियर से ब्रेक ले लिया है.

‘रैट पर्सन’ की बातें वायरल हैं. युवा पूरा दिन बिस्तर पर बिताने के अपने अनुभव बताकर आंदोलन आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं. 2000 के बाद से चीन में टेक्नोलॉजी बूम के दौरान जैक मा जैसे दिग्गज युवाओं को ‘996 वर्क कल्चर’ का महत्व बता रहे थे जिसमें उन्हें सुबह 9 से रात 9 बजे तक काम करने के लिए प्रेरित किया जाता था और वह भी हर हफ्ते में 6 दिन. यानी रोज बारह घंटे काम और सप्ताह में सिर्फ एक दिन आराम. अब चूहे बन रहे युवाओं का कहना है कि वे इस अति से थक चुके हैं. रैट पर्सन उत्साहहीन बातें करते हैं और भावनाशून्य भी हैं, इसके बावजूद ऐसे लोगों को मिल रहे लाइक बता रहे हैं कि जो अभी रैट पर्सन नहीं बने हैं वे भी कहीं न कहीं इस बारे में सोच तो रहे हैं. अवसाद, करियर में आगे बढ़ने की इच्छा से दूर, दिन भर सोते हुए मोबाइल पर ऊर्जा खर्चने वाले इन चूहों की कोई सोशल लाइफ भी नहीं रही है. शादी करने के बारे में तो ये सोच भी नहीं रहे हैं ऐसे में सरकार को इन बढ़ते चूहों और चूहा प्रवृत्ति पर चिंता हो रही है.