June 22, 2025
वर्ल्ड

Iran के तीन परमाणु ठिकाने तबाह, अमेरिका ने किया सीधा हमला

ईरान ने इतने गुप्त और सुरक्षित तरीके से बनाए थे ये ठिकाने कि सिर्फ एक खास अमेरिकी बम ही कर सकता था खत्म

आखिर अमेरिका ने खुलकर ईरान पर सैन्य कार्रवाई कर ही डाली, उसके बमवर्षक खतरनाक बी-2 ने ईरान के सुरक्षित माने जाने वाले फॉरडो, नतांज और एस्फाहान न्यूक्लियर साइट्स पर बम गिरा कर इन तीनों को तबाह कर डाला. ट्रंप ने इस बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट डालते हुए कहा कि हमारे सभी विमान सुरक्षित वापस लौट आए हैं और अब शांति का समय है लेकिन यदि ईरान आगे भी गड़बड़ करता रहा तो ज्यादा कड़ी कार्रवाई हो सकती है. इससे पहले जब ट्रंप ने कहा था कि वो ईरान पर हमले के बारे में एक सप्ताह बाद तय करेंगे तभी यह समझ आ गया था कि वो अचानक इन परमाणु जगहों पर हमले की तैयारी में हैं और फिर रविवार को मोसाद के ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट से बी-2 बमवर्षक का फोटो डाले जाने के बाद तय हो गया था कि अगले 24 घंटों में ही कार्रवाई होगी.

ईरान के लिए ये तीरनों ही परमाणु जगहें बेहद अहम थीं और इनमें एनरिचमेंट का लेवल 60 प्रतिशत तक पहुंचने की रिपोर्ट्स आ चुकी थीं. इजराइल का कहना है कि ईरान उस स्तर पर पहुंच चुका था जहां उसे बम बनाने लायक यूरेनियम बनाने यानी 90 प्रतिशत तक की एनरिचमेंट वाली क्षमता हासिल करने में दो हफ्ते भी नहीं लगते. हालांकि इस रिपोर्ट को लेकर भी अभी खींचतान जारी है क्योंकि एक अमेरिकी रिपोर्ट में ही यह बता दिया गया था कि ईरान ऐसा करने नहीं जा रहा है और इसके बाद से तुलसी गैबार्ड के प्रति ट्रंप का विश्वास डगमगा गया. हमले को लेकर यमन ने अब अमेरिका को बताया है कि वह ईरान का साथ्ज देने सीधे मैदान में है और जहां जहां अमेरिकी बेड़े हैं वहां उसे हमले के लिए तैयार रहना चाहिए.

परमाणु ठिकाने नष्ट करने के बाद ट्रंप ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि अभी कुछ और जगहें भी बाकी रह गई हैं लेकिन यदि ईरान मान जाता है तो बात बन सकती है वरना हमारी मलिट्री को मजबूरन वह सब करना होगा जो हम करना नहीं चाहते. ईरान के लिए यह सालों की मेहनत पर पानी फिरने जैसा है क्योंकि वह दुनिया से न्यूक्लियर एनर्जी की बात करते हुए बम बनाने की क्षमता हासिल करने में लगा हुआ था लेकिन पिछले एक सप्ताह में न सिर्फ उसके सबसे बड़े परमाणु संयंत्र नष्ट कर दिए गए हैं बल्कि उसके सभी टॉप न्यूक्लियर साइंटिस्ट भी उड़ा दिए गए हैं और अब उसे 2025 की शुरुआत में जो कैपेसिटी थी, वहीं तक पहुंचने में सालों लग जाएंगे. इजराइल की तरफ से भी इसे लेकर ट्रंप की तारीफ करते हुए कहा गया है कि पचास साल के आतंक, 25 सालों से चल रही बातों और डेमोक्रेट्स द्वारा अरबों रुपए दिए जाने के बाद जो खतरा दुनिया पर मंडरा रहा था उसे खत्म करने के लिए शुक्रिया.