Japan में क्यों चल रहा ‘शांत आपातकाल’
पिछले 126 सालों में सबसे कम बच्चे पछले साल यानी 2024 में पैदा हुए
जापान की सरकार पिछले कुछ सालों में बच्चों की जन्मदर में भारी गिरावट से परेशान है. पिछले साल यानी 2024 में तो जापाना में जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या पहली बार 7 लाख से भी नीचे आ गई. सरकारी आंकड़ों की मानें तो पिछले साल में पूरे जापान में कुल मिलाकर 6,86,061 बच्चों का जन्म हुआ. आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन बताता है कि 2024 में वही ट्रेंड आगे बढ़ा है जो पिछले कई सालों से चला आ रहा है. 2023 की तुलना में इस साल बच्चों का जन्म वाला आंकड़ा और कम हो गया और इस साल 1,227 कम बच्चे पैदा हुए हैं. जापान ने 1899 में जन्म का रिकॉर्ड रखना शुरू किया था और इतने कम बच्चों की पैदाइश का यह रिकॉर्ड है. यानी जापान में पिछले साल 126 साल में सबसे कम बच्चे पैदा हुए हैं. जापान सरकार बढ़ती बूढ़ी आाबादी और घटती नई आबादी के इस असंतुलन को ही शांत आपातकाल कहती है. जापान में कुल प्रजनन दर प्रति महिला बच्चों का औसत भी 2023 के मुकाबले 0.05 अंक कम दर्ज की गई है.
जापान के प्रधान मंत्री शिगेरु इशिवा ने इसे मौन आपातकाल बताते हुए इस पर चिंता जताई है. दरअसल जापान में घटते जन्मों की वजह युवाओं के विवाह और परिवार शुरु करने से बचना भी है. समाजशास्त्री इस मामले को युवाओं के सामने मौजूद वित्तीय बाधाओं को मानते हैं. सरकार अपनी तरफ से बाल भत्ता और मुफ्त हाई स्कूल शिक्षा जैसे कार्यक्रम भी इसीलिए चलाा रही है कि युवा आबादी पर ध्यान दें इसके बावजूद घटती जनसंख्या की चुनौती कायम है. जापान को अपनी सेना मजबूत करनी है लेकिन युवा ही नहीं मिल रहे हैं. घटती आबादी ने जापाना की अर्थव्यवस्था और सामाजिक व्यवस्था पर भी बुरा असर डालना शुरु कर दिया है.