June 21, 2025
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Ujjain से निकलने वाली भूमध्य रेखा का जिक्र NCERT किताब में

NCERT के किए बदलावों में अशोक लगभग गायब, चाणक्य का जिक्र

एनसीईआरटी ने जो नई पाठ्यपुस्तक में बदलाव किए हैं उनका विवरण सामने आने लगा है और सबसे मुख्य बात यह कि इसमें ग्रीनविच मीन टाइम से भी पहले समय गणना के लिए उज्जैन की मध्यरेखा का जिक्र किया गया है. एनसीईआरटी की पाठयपुस्तक के अनुसार, ग्रीनविच मेरिडियन को मध्यरेखा मानने से पहले से भारत के पास उज्जैन से गुजरती मानी जाती थी और इसी से कालगणना की जाताी थी.

किताब में बताया गया है कि भारत के पास जो अपनी मध्यरेखा थी वह मध्य प्रदेश के उज्जैन से गुजरने वाली मानी जाती थी. इसी के चलते उज्जैन कई शताब्दियों तक खगोल विज्ञान का सबसे प्रतिष्ठित केंद्र रहा. इसमें प्रसिद्ध खगोलशास्त्री वराहमिहिर के लगभग 1,500 साल पहले उज्जैन में ही रहने का भी जिक्र किया गया है. इस पाठ में बताया गया है कि भारतीय खगोलशास्त्रियों को अक्षांश, देशांतर, शून्य और प्रधान मध्य रेखा की न सिर्फ जानकारी थी बल्कि वे इसका उपयोग कालगणना में भलीभांति करते थे. उज्जैन स्थित भूमध्य रेखा के सभी भारतीय खगोल ग्रंथों के लिए गणना का संदर्भ बनने की जानकारी भी दी गई है. इस किताब में सरस्वती नदी का भी कई बार उल्लेख किया गया है जबकि इसमें अब तक पढ़ाए जाने वाले सम्राट अशोक के बारे में बहुत छोटा सा जिक्र भर है.