Mars Habitat से साल भर बाद बाहर निकले चार वैज्ञानिक
मार्स हेबिटेट में सब्जियां उगाईं और मार्स वॉक की प्रैक्टिस की
नासा मंगल ग्रह पर जीवन की संभवनाएं तलाशने के साथ ही इस बात पर काम कर रहा है कि वहां यदि मानव कॉलोनी बनाई जाए तो क्या हालात होंगे. इसी के चलते ह्यूस्टन के जॉनसन स्पेस सेंटर में एक खास घर बनाया गया जो मंगल ग्रह की अब तक जुटाई गई जाकनारी के आधार पर उसी वातावरण्ण में बनाया गया. इंसानों को मंगल पर बसाने की योजना के तहत प्रायोगिक रुप से इसमें चार लोगों को साल भर से ज्यादा समय यानी 378 दिन तक रखा, अब ये चारों बाहर आ गए हैं और अपने इस मंगल जैसे अनुभव को लोगों से साझा कर रहे हैं. नासा ने यह प्रयोग इसलिए किया क्योंकि वह 2030 तक मंगल पर इंसानों को भेजाना चाहता है. मंगल पर इंसान कैसे रहेंगे इसी पर यह एक ट्रायल था. इसके लिए जिन चार लोगों को चुना गया उनमें एक जीवविज्ञानी भी थीं. एक साल तक इंसानी संपर्क से दूर रहे इन लोगों के मार्स हेबिटेट से बाहर आने पर इनका जोरदार स्वागत किया गया. एंका सेलारियू, रॉस ब्रॉकवेल, नाथन जोन्स और टीम लीडर केली हेस्टन ने यहां एक साल से ज्यादा समय बिताने के दौरान सब्जियां उगाने और मार्सवॉक जैसे काम किए. टीम लीडर हेस्टन ने बाहर आते ही कहा, आप लोगों से फिर हेलो कर पाना वाकई कमाल का अनुभव है.
कई प्रैक्टिस कीं क्रू मेंबर्स ने
मार्स ड्यून अल्फा ह्यूस्टन एक 3डी प्रिंटेड 1,700 वर्ग फुट का सारी सुविधाओं से युक्त कमरा है. इसे बनाते हुए यह ध्यान रखा गया कि मंगल ग्रह की सतह पर जो स्थितियां हैं उन्हीं के अनुरुप सारी व्यवस्थाएं हैं. चार बेडरूम के अलावा जिम, किचन, रिसर्च सेंटर वाले इस घर को एयरलॉक रखा गया. जॉनसन स्पेस सेंटर के उप निदेशक स्टीव कोर्नर ने इन चारों के बाहर आने पर कहा कि लोगों को मंगल ग्रह पर भेजने की तैयारी को लेकर यह एक महत्वूपर्ण कदम है.