Patanjali की शिकायत लेकर डाबर पहुंचा अदालत
बार बार नीचा दिखाने की कोशिश करता है पतंजलि आयुर्वेद
आयुर्वेद को लेकर डाबर और पतंजलि के बीच चल रहा मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक जाता नजर आ रहा है, दिल्ली हाई कोर्ट की दहलीज तक तो ये पहुंच ही चुका है जिसमें डाबर ने पतंजलि पर नेगेटिव प्रचार करने का आरोप लगाया है. डाबर ने हाईकोर्ट से तुरंत आदेश देकर ऐसे विज्ञापनों को रोकने की मांग की है. जनवरी 2025 में अगली सुनवाई की तारीख भी मिली है लेकिन डाबर अब भी मामले को आगे ले जाने के लिए विकल्प तलाश रहा है. जज ने मध्यस्थता के लिए भेजने की बात कही तो डाबर ने सुनवाई कर जल्द निर्णय की बात कही.
डाबर को उस विज्ञापन पर आपत्ति है जिसमें बाबा रामदेव कहते नजर आ रहे हैं कि जिनको आयुर्वेद और वेदों का ज्ञान नहीं, चारक, सुश्रुत, धन्वंतरि और च्यवनऋषि की परंपरा में असली च्यवनप्राश कैसे बना सकते हैं? यानी पतंजलि यह बताना चाह रहा है कि बाकी कंपनियों के च्यवनप्राश नकली या साधारण हैं. डाबर का कहना है कि पतंजलि आयुर्वेद बार बार दूसरों को नीचा दिखाने की कोशिश करता है. डाबर का कहना है कि पतंजलि ने विज्ञापन को कई मुख्य चैनलों पर चलाया है और अखबारों में भी छापा गया है. पतंजलि आयुर्वेद की ओर से याचिका की वैधता पर सवाल उठाते हुए जवाब देने के लिए समय माँगा है.