Jamia की यह रिपोर्ट चौंकाने वाली है
कॉल फॉर जस्टिस ने बताया कैसे दबाव बनाया जाता है धर्म परिवर्तन का
जामिया मिलिया इस्लामिया में गैर-मुस्लिमों के साथ होने वाले बर्ताव पर एक रिपोर्ट आई है जिसमें एक दो नहीं बल्कि ऐसे 27 मामले सामने आए हैं जिनमें यूनिवर्सिटी में लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने की बात सामने आई है. जिन्होंने अपने अनुभव बताए हैं उनमें टीचर, स्टाफ, छात्र और पूर्व छात्र तक शामिल हैं. जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में इस्लाम कबूले बिना किसी को आगे न बढ़ने देने और न कबूलने वालों को प्रताड़नाएँ देने जैसे इन अनुभवों पर खबरें कहीं नजर नहीं आ रही हैं. इस मामले में जो उदाहरण सामने आए हैं उनमें गैर मुस्लिमों पर धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव की बातें साफ हैं. आइये जानें जामिया की इस रिपोर्ट को लेकर किसने अपने क्या अनुभव साझा किए हैं.
गवाह नंबर 1 जो असिस्टेंट प्रोफेसर हैं ने बताया कि इस्लाम स्वीकार न करने पर करियर को खराब करते हुए प्रमोशन भी रोक दिया गया.
गवाह नंबर 2 ने धर्मांतरण न करने पर उन्हें बार बार काफिर कहा गया और कई तरह से प्रताड़ित किया.
गवाह नंबर 3 को इस्लाम कबूल न करने पर हफ्ते में 38 पीरियड पढ़ाने को कहा गया दिए जाने लगे. यह भी दबाव था कि मुस्लिम छात्रों को अच्छे नंबर दें. रेप, तेजाब फेंकने और मारने की धमकी भी मिली.
पति के निधन पर मुस्लिम सहकर्मी से निकाह करने का भी दबाव बनाया गया.
गवाह 4 इस्लाम न मानने पर एक के बाद एक कई झूठी शिकायतें हुईं.
गवाह 5 धर्म परिवर्तन न करने पर कम योग्य कम उम्र के मुस्लिम को रिपोर्ट करने को कहा गया. आर्थिक नुकसान किया, प्रमोशन रोका और अपमानित किया गया.
गवाह 6 ने कहा कि करियर बर्बाद करने की कोशिश हुई प्रमोशन रोका क्योंकि वे मुस्लिम बनने को तैयार नहीं थे.
गवाह 7 दलित वर्ग के इस व्यक्ति को हर तरह से प्रताड़ित किया गया, झूठी शिकायतें हुईं और कप बसी तक धोने को कहा गया.
गवाह 8 ने इस्लाम नहीं कबूला, एक बार वंदे मातरम गीत चला दिया था. सजा के लिए इंक्रीमेंट रोका, जाँच बैठाई गई. वहीं उनके समकक्ष अनिल कुमार ने इस्लाम कबूल लिया तो उसे प्रमोशन और दीगर लाभ दिए.
गवाह 9 सिक्योरिटी गार्ड ने इस्लाम नहीं कबूला तो झूठे केस में जेल भिजवाया. फिर उनकी बीवी, बच्चों को मुस्लिम बनवा दिया. जेल से बाहर आए तो उन पर फिर इस्लाम कबूलने का दबाव बनाया गया.
गवाह 10 ने बताया कि छात्र रहते पीएम मोदी से जुड़ा पोस्ट साझा किया तो छात्रों ने उन्हें जमकर निशाना बनाया. कलावा हटाने को कहा गया.
गवाह 11 को इस्लाम न कबूलने पर झूठे इल्जाम झेलने पड़े, धमकियाँ दी गईं. इन्होंने प्रोफेसर नाजिम हुसैन और शाहिद तस्लीम व नदीम हैदर के विरुद्ध एफआईआर कराई थी.
गवाह 12 ने बताया कि छात्र रहते उनके जैन धर्म को गालियाँ दी गई. जामिया का ही एक मौलवी सभी छात्रों पर ऐसा दबाव बनाता था कि वे मुस्लिम बन जाएं.
गवाह 13 ने कहा धर्म बदल लेने वाले को फायदे और न कबूलने वाले को प्रताड़ना यहां के सिस्टम में शामिल है. चारू गुप्ता और प्राची शुक्ला ने इस्लाम कबूला तो इन्हें स्थायी नौकरी दी गई.
गवाह 14 के अनुसार उसकी सहेली भावना वशिष्ठ को छात्र इस्लाम कबूल कराना चाहते थे. सिमरन सिंह का धर्म परिवर्तन करा कर अलीगढ़ ले जाया गया. बाद में वो अलीगढ़ पुलिस की मदद से रिकवर की गई.
गवाह 15 ने कहा कि उन्होंने मुस्लिम गुट द्वारा किए फेसबुक पोस्ट का विरोध किया तो उन पर जानलेवा हमला किया गया. होस्टल में तबलीगी जमात के लोगों का आना और छात्रों को धमकाना सामान्य बात थी.
गवाह 16 के अनुसार पीएचडी फेलोशिप उन्हें नहीं दी गई जबकि वे पात्र थे वहीं नियम तोड़कर मुस्लिम छात्रों को फेलोशिप दी गई.
गवाह 17 ने बताया कि जामिया के कई प्रोफेसर घोषित या अघोषित तौर पर जमात-ए-इस्लामी, स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठनों से जुड़े हैं.
गवाब 18 ने कहा कि स्टडी में बाकी धर्मों को नीचा बताते हुए एक हफ्ते में पढ़ाया जबकि इस्लाम पाँच महीने तक पढ़ाया गया. कहा कि शांति के लिए इस्लाम कबूलें. हिंदू छात्रा को जबरन हिजाब पहनने को कहा.
गवाह 19 के अनुसार गैर मुस्लिमों पर कुरान, हदीस पढ़ने का दबाव होता है, हर अन्य धर्म को इस्लाम से छोटा बताते हैं. यहां लिबरल मुस्लिम भी कट्टरपंथियों के साथ कट्टरपंथी हो जाते हैं.
गवाह 20 ने बताया कि पीएचडी में एडिमशन के लिए प्रोफेसर नजीम जाफरी ने इस्लाम कबूलने को कहा. प्रोफेसर अल्ताफ हुसैन को यौन उत्पीड़न करते देखा. नवनीत नाम की लड़की को मुस्लिम बनाया गया था.
गवाह 21 छात्र ने बताया कि पहले दिन से भेदभाव होता है. रमजान में हिंदू छात्रों को भी रोजा रखवाने की कोशिश होती है, पानी तक नहीं पीने देते हैं.
गवाह 22 के अनुसार उन पर भी धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया गया, हिंदू कर्मचारी की मौत हो जाए तो पेंशन, मुआवजे में देर जानबूझकर की जाती है.
गवाह 23 ने कहा कि कोई नमस्ते कह दे तो उससे तुरंत सलाम कहलवाया जाता है ताकि हर समय यह अहसास बना रहे कि वो एक मुस्लिम यूनिवर्सिटी है.
गवाह 24 के अनुसार उनके रिश्तेदार अजय को इस्लाम कबूल करवाया गया था. क्लास-4 के कर्मचारियों को 5 लाख रुपए देकर धर्मांतरित कराया. कुछ को प्रमोशन का लालच देकर भी मुस्लिम बनाया.
गवाह 25 ने कहा कि उन्होंने खुद देखा कि कैसे छात्राओं को इस्लाम कबूलने को कहा जाता था. जो मुस्लिम कल्चर, मुस्लिम साहित्य और नमाज पढ़ने को तैयार हो उनसे इकोसिस्टम खुश रहता था.
गवाह 26 छात्रा को कश्मीर मामले में थीसिस जमा नहीं करने दी गई जबकि छात्रा कश्मीर से ही थी. होस्टल में उनकी रुम मेट देवी-देवता की मूर्ति भी कमरे में नहीं लगाने देती थी.
गवाह 27 के अनुसार हिंदू छात्राओं को मुस्लिमों के साथ रिश्ते में आने का दबाव बनाया जाता है, उन्होंने खुद ये सब झेला था जिसके कारण उन्हें कॉलेज छोड़ना पड़ा.
इनके अलावा भी एक अन्य मामले में हर्षिता नाम की लड़की ने सोशल मीडिया पर बताया कि कैसे उसे इस्लामी वेशभूषा में रहने और धर्मांतरण करने का दबाव डाला गया. हद यह कि ऐसे केसों को पुलिस थाने में दर्ज नहीं किया जाता क्योंकि पुलिस में भी इस यूनिवर्सिटी से जुड़े इस समाज के लोग हैं.