Kalidas Samaroh पंडित व्यास को याद कर शुरु हुआ
महाकवि कालिदास की याद में 66 साल से हर साल हो रहा है यह आयोजन
उज्जैन का प्रसिद्ध अखिल भारतीय कालिदास समारोह का उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विधिवत शुभारंभ किया. इससे पहले समारोह की नींव रखने वाले ज्योतिषाचार्य पद्मभूषण पंडित सूर्यनारायण व्यास की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए उनके उज्जैन के प्रति योगदान को याद किया गया. कालिदास समारोह के संस्थापक श्री व्यास की प्रतिमा पर विद्वतजनों ने मंत्रोच्चार, अर्चन और पुष्प चढ़ाकर समारोह के सफल आयोजन की कामना की. श्री कालिदास संस्मरण समारोह समिति सिंहपुरी ने कालिदास समारोह के मूल प्रारम्भ स्थान आताल पाताल भैरव मंदिर सिंहपुरी के प्रांगण में भी एक आयोजन कर श्री व्यास को महाकवि कालिदास को इस तरह याद करने के लिए याद किया.
66वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ करते हुए उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कलाकारों को राष्ट्रीय कालिदास अलंकरण सम्मान भी प्रदान किए. महाकाल के जयकारे के साथ अपने भाषण की शुरुआत करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत की जो सांस्कृतिक विरासत है वैसी कहीं और नहीं है. उन्होंने कहा, कालिदास की अभिज्ञान शाकुंतलम, मेघदूतम और कुमारसंभव रचनाएं ऋतुओं की मानवीय भावनाओं का संगम तो है ही इन रचनाओं में मानव और प्रकृति के बीच पवित्र प्रेम के रिश्ते का भी वर्णन मिलता है. महाकवि कालिदास की रचना में सशक्त नारी की जो छवि दिखती है वह अद्भुत है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि इस गौरवशाली परंपरा का उज्जैन में जो निर्वाह किया जा रहा है वह एक उदाहरण पेश करता है.