June 20, 2025
देश दुनिया

Toll Collection की डिवाइस के खर्च पर भी मामला अटकेगा

जीएनएसएस की डिवाइस की कीमत हर गाड़ी के लिए लगभग चार हजार रुपए है

केंद्र सरकार ने हाईवे और एक्सप्रेसवे पर सिर्फ उतनी ही दूरी का टोल टैक्स लेने की नीति बनाई है कि जितनी दूरी गाड़ी तय करे लेकिन इसमें अब एक नया पेंच यह आ गया है कि इसके लिए लगने वाले डिवाइस का खर्च कौन वहन करे.
नितिन गडकरी ने कुछ समय पूर्व वादा किया था कि जितना सफर उतना ही टोल वाली नीति अपनाई जाएगी. सरकार इस पर एक कदम और आगे भी बढ़ गई है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) का इस्तेमाल करने वाले निजी वाहन मालिकों से हाईवे और एक्सप्रेसवे पर 20 किलोमीटर तक की यात्रा पर प्रतिदिन कोई टोल नहीं लिया जाएगा. इसी के साथ मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) नियम, 2008 में संशोधन भी कर दिया है. संशोधित नियमों के तहत अब जीएनएसएस का इस्तेमाल करने वाले निजी वाहनों से 20 किलोमीटर के बाद की वास्तविक यात्रा के लिए टोल टैक्स लिया जाएगा. अब निर्धारित दूरी के बाद ही टोल लिया जा सकेगा जबकि वर्तमान में मनमाने टोल बूथ लगे हुए हैं, जिनसे टोल वसूला जा रहा है. इन सारे अच्छे कदमों के बीच नया पंगा यह आ गया है कि जीएनएसएस के लिए जरुरी डिवाइस का खर्च कौन वहन करे. अभी तो सरकार चाहती है कि यह खर्च उपभोक्ता यानी गाड़ी मालिक की जेब से ही जाए लेकिन यह डिवाइस लगभग चार हजार रुपए की पड़ने वाली है यानी जितनी बचत टोल में नहीं होगी उससे कहीं ज्यादा तो एक बार में इस डिवाइस के लिए ही देने पड़ जाएंगे. इस बीच सरसकार ने वह नियम भी खत्म कर दिया है जिसमें यदि टोल पर तय समय से ज्यादा लग जाए तो गाड़ी मालिक को बिना टोल दिए जाने का फायदा मिलने की संभावना होती थी. अब आपको टोल पर कितनी भी देर लगे, टोल तो देना ही होगा.