1 Crore की स्कॉलरशिप, सांसद के साथ लिव इन और बेवफाई के आरोप
इंदौर की रोहिणी घावरी का कहना है कि चंद्रशेखर रावण ने उन्हें धोखा दिया, रावण बोले निजी मामला
दलित राजनीति के नए नए पैरोकार बने चंद्रशेखर रावण सांसद तो बन गए हैं लेकिन उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. इंदौर की रोहिणी घावरी का कहना है कि वो पिछले तीन साल से रावण के साथ लिव इन में थीं लेकिन अब रावण उन्हें धोखा दे रहे हैं. यूं तो बात काफी दिनों से पक रही थी और चंद्रशेखर लगातार चुप्पी बनाए हुए थे लेकिन जब इसे लेकर सवाल हर उस जगह उठने लगे जहां नेताजी पहुंचते, तो उन्होंने कह दिया कि यह मेरा निजी मामला है. यूएन में भी रिप्रेजेंटेटिव रह चुकीं रोहिणी इस बात पर भी चुटकी लेने से नहीं चूक रहीं कि चलो अब यह तो माना कि मेरा निजी मामला है वरना कुछ दिन पहले तो कोई मामला होने से ही इंकार कर देते थे. रोहिणी का दावा है कि उन्होंने ही चंद्रशेखर के लिए चुनावी रणनीतियां गढ़ीं जिनके चलते चंद्रशेखर आज सांसद बने बैठे हैं. लिव इन में लंबा समय बिताने के बाद अब आमने सामने आए नेताजी और रोहिणी के पास एक दूसरे को निपटाने के लिए काफी मसाला है और इसका उपयोग भी हो रहा है. रोहिणी चंद्रशेखर के रोते हुए फोटोज से लेकर निजी वैट तक सोशल मीडिया पर चिपका रही हैं और कह रही हैं कि इस आदमी ने मेरी ही नहीं कई और लड़कियों की जिंदगी खराब की है जिनमें से कुछ ने तो मुझसे मुलाकात भी की है. चंद्रशेखर की रोते हुए फोटो डालकर वो बताती हैं कि सांसद महोदय ने तो उन्हें यह भी नहीं बताया था कि वो शादीशुदा हैं और जब मुझे पता चला तो मैंने रिलेशन से बाहर होना तय किया लेकिन सांसद महोदय रोते बिलखते और दलित उत्थान की दुहाई देते हुए मुझे रोक लेते थे. रोहिणी का कहना है कि मैं कानूनी रास्तों पर भी जाऊंगी लेकिन अभी मैं एक करोड़ की भारत सरकार से जो स्कॉलरशिप लेकर आई हूं उसके तहत पढ़ाई कर रही हूं इसलिए अभी सारी लड़ाई सोशल मीडिया और मीडिया से ही लड़ रही हूं. रोहिणी बार बार चंद्रशेखर पर भाजपा का हाथ होने के संकेत देती हैं.
वैसे अब सोशल मीडिया पर रोहिणी की तरफ भी सवाल उछलने लगे हैं. पहला सवाल तो यही कि मायावती की पार्टी ने रोहिणी को प्लांट किया है ताकि चंद्रशेखर की दलित राजनीति रोकी जा सके. यह भी कि रोहिणी खुद को सफाईकर्मी की बेटी बताती हैं लेकिन हकीकत यह है कि उनके पिता निगम स्तर पर कांग्रेस की इतनी तो राजनीति करते ही हैं कि सफाईकर्मी मां को काम पर ना जाना पड़े और उनको मिली स्कॉलरशिप के पीछे भी यही राजनीति बताई जा रही है. इतने समय तक की चुप्पी और पढ़ाई की स्कॉलरशिप पर स्विटजरलैंड गई रोहिणी के पूरे समय चुनावी रणनीति बनाने और लिव इन में रहने वाले कबूलनामे पर भी सवाल उठ रहे हैं. यदि रोहिणी की सोशल मीडिया टाइमलाइन देखें तो पता चलता है कि वो दलित राजनीति में आगे बढ़ने के लिए पूरी कोशिश में लगी रहती हैं और इसमें उन्हें दूसरों को भला बुरा कहने से भी परहेज नहीं है. वैसे इस पूरे मामले में एक रोचक तथ्य यह भी है कि तानाशाह कही जाने वाली सरकार ने अपने खिलाफ बोलने वाली लड़की को इस बात के लिए करोड़ की स्कॉलरशिप दी कि वह राजनीति की रणनीतियां बनाती फिरे और यह भी कि यदि आपकी पहुंच हो तो आप बढ़िया एक करोड़ की स्कॉलरशिप लेकर स्विटजरलैंड में अपने पसंदीदा व्यक्ति के साथ लिव इन में रह सकते हैं बशर्ते वो बेवफा ही न हो जाए.