Ukraine के लिए शांति वाले बयान पर भारत के साइन नहीं
स्विट्जरलैंड के ब्युर्गेनस्टॉक पहाड़ पर यूक्रेन के लिए हो रहे शांति सम्मेलन में साझा बयान पर सभी देशों के बीच सहमति नहीं बन पाई. इस बयान में यूक्रेन की “क्षेत्रीय अखंडता” और युद्ध खत्म करने की बात थी. इसमें दोनों पक्षों के आपसी संवाद,
युद्धबंदियों और डिपोर्ट किए बच्चों को लौटाने की अपील थी. इस पर भारत ने कहा कि यदि दोनों पक्षों की बात है तो रुस का प्रतिनिधित्व भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए. भारत के साथ दस अन्य देशों ने भी यही बात कही कि इसमें न चीन को शामिल किया गया है और युद्ध में दूससरे पक्ष यानी रुस काे. इनकी उपस्थिति के बिना किसी भी बयान को जारी करने का क्या फायदा होगा. इन तथ्यों के बाद भी बयान पर शिखर सम्मेलन में मौजूद करीब 80 देशों ने साझे बयान पर हस्ताक्षर किए. भारत, सऊदी अरब,
दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त अरब अमीरात बयान पर दस्तखत ना करने वाले देशों में रहे. भारत ने इस सम्मेलन में जारी किसी भी संयुक्त बयान या प्रस्ताव से खुद को अलग करने की घोषणा काते हुए कहा, “यूक्रेन पर वैश्विक चिंता को भारत भी साझा करता है और शांतिपूर्ण समाधान के हर प्रयास का समर्थन करता है. शांति शिखर सम्मेलन में भारत की हिस्सेदारी, हमारे इस स्पष्ट और एकरूप रुख के मुताबिक है कि केवल संवाद और कूटनीति से ही स्थायी शांति संभव है. ऐसी शांति के लिए सभी पक्षों को साथ लाने की जरूरत है. हमने फैसला किया है कि सम्मेलन में आने वाले किसी साझे बयान या किसी भी अन्य कागजात से हम खुद को अलग रखेंगे.