June 21, 2025
देश दुनिया

Pandiyan का राजनीति संन्यास लेकिन कई सवाल अब भी बाकी

उउ़ीसा से बीजू जनता दल को बुरी तरह हरवा देने के बाद पूर्व आईएएस और नवीन पटनायक के अब तक खास रहे वीके पांडियन गायब हो चुके हैं, उन्होंने राजनीति की दुनिया को अलविदा भी कह दिया है लेकिन कई सवाल अब भी अनुत्तरित रह गए हैं. नवीन पटनायक ने जिस तरह 24 साल तक लगातार उड़ीसा में राज्य किया और वे रिकॉर्ड बनाने की ओर बढ़ ही रहे थे(यदि वे 50 दिन और मुख्यमंत्री रह जाते तो सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का पवन चामलिंग का रिकॉर्ड तोड़ देते) लेकिन बीजू जनता दल में नवीन पटनायक से ज्यादा वीके पांडियन की चल रही थी और खुद पार्टी के नेता ही कह रहे हैं कि एक तरह से पांडियन ने बीजद को हाइजैक कर लिया था. यहां तक कि जिन नेताओं से नवीन पटनायक मिलना भी चाहते थे तो उन्हें पांडियन की इजाजत लेनी होती थी जो अक्सर नहीं दी जाती थी. कुछ ही समय पहले आईएएस की नौकरी छोड़कर बीजू जनता दल में आए पांडियन ने इतने बुरे हालात पैदा कर दिए कि लोकसभा और विधानसभा, दोनों चुनावों में अब तक बहुत अच्छा करती आई बीजू जनता दल को बगुरी तरह हार का सामना करना पड़ा. बाद के दिनों में तो पांडियन को नवीन बाबू के कांपते हाथों को छुपाते और अजीब तरीके से उन्हें हैंडल करते भी देखा गया. तमिलनाडु के पांडियन का ऐसा रुतबा अचानक कैसे बढ़ा कि उन्हें नवीन पटनायक का उत्तराधिकारी कहा जाने लगा, यह बात अलग है कि चुनाव के आखिरी दौर तक आते आते नवीन बाबू ने कह दिया कि पांडियन उनके उत्तराधिकारी नहीं होंगे. चुनावनतीजे आते ही पांडियन गायब ही हो गए और फिर उन्होंने राजनीति से संन्यास की घोषणा भी कर डाली लेकिन सवाल यह है कि आखिर आईएएस जैसी नौकरी छोड़कर आए पांडियन का उद्देश्य क्या था और उन्होंने पार्टी वालों से ही नवीन पटनायक को क्यों अलग कर दिया, उनके हर निर्णय ऐसे ही क्यों होते थे कि पार्टी के खिलाफ जाएं और सबसे बड़ी बात कि उनके ऐसे इरादों को राजलनीतिक पृष्ठभुमि के परिवार से आने वाले नवीन बाबू समझ क्यों नही पाए. पांडियन को बीजद के सारे नेता पसंद नहीं करते थे लेकिन फिर भी वे पार्टी के सारे निर्णय कैसे कर लेते थे या करवा लेते थे. अब चूंकि पांडियन नवीन पटनायक से दूर हो गए हैं और राजनीति भी छोड़ चुके हैं, ऐसे में बहुत संभव है कि आने वाले दिनों में नवीन बाबू ही इस रहस्य का खुलासा करें.