Pakistan ट्रेन संकट में मारे गए सैनिकों की संख्या क्यों छुपा रहा है
क्वेटा से भेजे गए सैकड़ों ताबूत बता रहे कि सेना ने झूठे आंकड़े दिए हैं
पाकिस्तान ने बलूच लिबरेशन आर्मी द्वारा बंधक बनाई ट्रेन का संकट खत्म हो जाने का दावा किया है. सेना का कहना है कि उसने 33 बलूच विद्रोहियों को मार गिराया है जबकि बलूचों ने 21 यात्रियों को मारा था. सेना के लेफ्टिनेंट लनरल अहमद शरीफ का कहना मानें तो इस पूरे ऑपरेशन में सिर्फ चार जवान मारे गए हैं जो फ्रंटियर कोर के थे. वैसे ये सारे दावे पूरी तरह झूठे ही लग रहे हैं क्योंकि छह सैनिकों की हत्या तो ट्रेन को पटरी से उतार कर बंधक बनाण् जाने के तुरंत बाद ही कर दिए जाने का दावा बलूच लिबरेशन आर्मी ने कर दिया था. यूं भी जिस तरह से क्वेटा से बड़ी मात्रा में ताबूत घटनास्थल की ओर पहुंचाए जाने के वीडियो दौड़ रहे हैं वो बताते हैं कि मारे गए लोगों की संख्या कहीं ज्यादा है. पाकिस्तानी सेना के दावे को सच मानें तो मरने वालों की कुल संख्या यानी यात्री, सैनिक और बंधक बनाने वालों की संख्या भी सौ तक नहीं पहुंचती है जबकि क्वेटा से जो ताबूत पहुंचाए गए हैं उनकी संख्या कहीं ज्यादा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकार ने इस घटना में भारत का नाम जोड़कर बात को और बिगाड़ दिया है.
एक बड़ी बात यह भी है कि यदि सेना ने सफलतापूर्वक ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो मीडिया को घटनास्थल तक पहुंचने में हजारों रोक क्यों लगाई गईं. जो अपुष्ट खबरें बताई जा रही हैं उनके मुताबिक तीन सौ से ज्यादा यात्रियों को छुड़ाने में 28 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं जबकि बंधक बनाने वालों में से मारे जाने वालों की संख्या 33 बताई जा रही है. ट्रेन में साढ़े चार सौ से ज्यादा सवार थे जिनमें से 100 महिलाओं और बच्चों वगैरह को तो बलूचों ने यह कहकर छोउ़ दिया था कि आपसे हमारी दुश्मनी नहीं है. इसी बीच बलूच लिबरेशन आर्मी ने एक वीडिया के जरिए पाकिस्तान को कहा है कि हमें किसी भी कीमत पर अपने क्षेत्र में पाक सेना की मौजूदगी बर्दाश्त नहीं है, इसी के साथ चीन से कहा गया है कि वह भी इस क्षेत्र में अपने प्रोजेक्ट्स को छोड़ दे.