Israel का हिजबुल्ला से युद्ध विराम, आगे की राह क्या
अब निगाहें बंधकों की रिहाई के मामले पर
लेबनान में ईरान समर्थित हथियारबंद समूह हिज्बुल्ला और इजराइल के बीच युद्धविराम समझौते की मीडिया में काफी चर्चा चल रही है. दोनों के बीच एक साल से ज्यादा से जंग जारी थी. पिछले साल गाजा में जब इसराइल ने हमले शुरु किए थे तब हिज्बुल्ला ने खुलकर हमास का समर्थन करते हुए इजराइल पर लेबनान से रॉकेट दागे थे. इजराइल के प्रमुख अखबार हारेत्ज का मानना है कि हमास और हिज्बुल्ला के संपर्क को तोड़ना इजराइल की बड़ी जीत है. इजराइल का मानना है कि लेबनान में हुए इस समझौते के बाद हमास अलग-थलग पड़ गया है यानी जंग में हमास अकेला पड़ गया है.
कमज़ोर हिजबुल्ला को फिर से ताक़त हासिल करने में समय लगेगा. और यह तभी संभव है जब इजराइल उसे मौक़ा दे. इसराइल के रणनीतिकार मानते हैं कि इसे हिज्बुल्ला की हार भले न माना जाए लेकिन लेकिन उत्तरी सीमा के युद्ध में यह इसराइल की बड़ी जीत जरुर है. लेबनानी सीमा पर रहने वाले इजराइली जरुर मानते हैं कि हिजबुल्ला धीरे-धीरे खड़े होने की कोशिश जरुर करेगा इसलिए समझौते के बाद भी सेना को यहां एक बफर जोन जरुर बनाना चाहिए. हालांकि मुख्य सवाल तो अब भी बंधकों का ही है, बंधकों के मामले में जितनी सफलता नेतन्याहू को मिलेगी उसे ही उनकी जीत माना जाएगा वरना यह समझौते उनके लिए गले की हड्डी भी बन सकता है.