Atishi पर दिए बयान के चलते स्वाति से मांगा गया इस्तीफा
स्वाति मालीवाल के पास काफी कुछ ऐसा है कि पार्टी दिक्कत में आ सकती है
केजरीवाल ने अपनी जगह आतिशी मार्लेना को सीएम बनाने का प्रस्ताव रखा और तुरंत ही बाद आप की ही सांसद स्वाति मालीवाल ने सीएम इलेक्ट(या कहें सीएम सिलेक्ट) की हकीकतें सामने रखते हुए कह दिया कि यह दिल्ली के लिए काला दिन है. अब स्वाति से राज्यसभा सांसद पद छोड़ देने के लिए कह दिया गया है लेकिन सवाल यह है कि क्या उनके हटने से आतिशी, उनके परिवार और यहां तक कि जीजा तक पर जो आरोप हैं वो धुल जाएंगे. मजेदार बात यह है कि जिस शराब मामले को लेकर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री महीनों तक जेल में रहकर जमानत पर लौटे हैं उसमें भी आतिशी की भागीदारी इस लिहाज से है कि वो उस समय गोवा चुनाव की प्रभारी थीं जिसमें शराब घोटाले का पैसा जाने की बात सीबीआई ने कही है.
इसके अलावा यह तथ्य भी सामने आया है कि उनकी बहन रोजा बसंती के पति भूपेंद्र चौबे जो कथित तौर पर इंडिया अहेड न्यूज के पत्रकार हैं भी शंका के घेरे में हैं. हालांकि अभी स्वाति मालीवाल ने आतिशी के पिता विजय सिंह और मां तृप्ता वाही की पिछले कुछ सालों की कारगुजारियों की ही बात की है जिसमें वे न सिर्फ वामपंथी विचारधारा फैलाते नजर आते हैं बल्कि आतंकियों के साथ सहानुभूति बरतते हुए दया याचिकाएं राष्ट्रपति तक भी पहुंचाते हैं. कश्मीर पर भी इन दोनों दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स के विचार पाकिस्तानी पक्ष से मेल खाते हैं.
अब यदि स्वाति मालीवाल पर इस्तीफे के लिए आम आदमी पार्टी दबाव बनाती है तो वो ऐसे राज से परदा भी हटा सकती हैं जो ‘आप’ की सेहत के लिए नुकसानदायक होंगे. सांसद पद से इस्तीफे की बात पर ही स्वाति माालीवाल की सीएम हाउस में पिटाई हुई थी और केजरीवाल के प्रिय विभव कुमार को जेल जाने के बाद अब तक उस केस से राहत नहीं मिली है, ऐसे में मालीवाल पर दबाव बनाना केजरीवाल को ही नहीं नई मुख्यमंत्री को भी भारी पड़ सकता है क्योंकि शराब घोटाले ही नहीं स्वाति मालीवाल के पास शुरु से अब तक की कई विस्फोटक जानकारियां स्वाभाविक तौर पर मौजूद हैं. आतिशी एक बार कह चुकी हैं कि उनके माता पिता के किसी काम के लिए वो जिम्मेदार नहीं हैं लेकिन यह तथ्य इसलिए काम नहीं आ सकता क्योंकि खुद आतिशी भी उसी विचारधारा को पोषित करती रही हैं और अब जीजाजी वाला मामला यदि उछल गया तो दिक्कतें बढ़ जाएंगी क्योंकि सवाल तो यह भी है कि जब तक शराब घोटाला सामने नहीं आया था तब तक चौबे जी पत्रकार बने हुए थे और चैनल बढ़िया चल रहा था लेकिन इस घोटाले के सामने आते ही न सिर्फ चैनल बंद हो गया बल्कि कर्मचारियों को उनकी मेहनत का पैसा तक नहीं दिया गया.