Import-Export में 151 देशों के साथ सरप्लस में भारत
अमेरिका के बाद नीदरलैंड के साथ सबसे ज्यादा सरप्लस
2024 की पहली छमाही यानी जनवरी से जून में अमेरिका सहित 151 देशों के साथ व्यापार सरप्लस में था, इसका मतलब यह हुआ कि इन 151 देशों को भारत ने निर्यात ज्यादा किया है जबकि इनसे आयात कम किया है. आयात के मुकाबले निर्यात जब ज्यादा हो तो उसे सरप्लस कहा जाता है और इतनी बड़ी संख्या में देशों से सरप्लस व्यापार बड़ी उपलब्धि है. हालांकि देश को चीन और रूस सहित 75 देशों के साथ व्यापार घाटा भी उठाना पड़ा है.
आर्थिक थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव की रिपोर्ट है कि भारत को कच्चे तेल और कोयले के आयात से होने वाले व्यापार घाटे को संतुलित करना है तो औद्योगिक वस्तुओं के आयात को कम करना चाहिए. रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी से जून 2024 के बीच भारत का जिन 151 देशों के साथ ट्रेड सरप्लस था, उसमें निर्यात 55.8 प्रतिशत और आयात 16.5 प्रतिशत था. सबसे अधिक 21 अरब डालर का ट्रेड सरप्लस अमेरिका के साथ था. दूसरे नंबर पर नीदरलैंड्स है जिससे ट्रेड सरप्लस 11.6 अरब डालर रहा. जिन 75 देशों के साथ व्यापार घाटा रहा उनको किया जाने वाला निर्यात 44.2 प्रतिशत और आयात 83.5 प्रतिशत रहा. इस तरह 185.4 अरब डालर का व्यापार घाटा हुआ. GTRI के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि भारत जिन देशों से मुख्य रूप से सोना, चांदी और हीरा का आयात करता है, उन्हें लेकर भी सजग रहना चाहिए, क्योंकि बजट में इन पर शुल्क को 15 प्रतिशत से घटाकर छह प्रतिशत कर दिया गया है.