Himachal Pradesh में पड़े वेतन के लाले, वजह मुफ्त वाली योजनाएं
मुख्यमंत्री सुक्खू कह रहे दो महीने वेतन न लें मंत्री अफसर
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की 2022 में आई ‘स्टेट फाइनांस: ए रिस्क एनालिसिस’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में फ्रीबी शब्द को समझाते हुए बताया गया था कि राज्य सरकारें जो मुफ्त वाली घोषणाएं कर रही हैं उनका राज्यों के खजाने पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है, इन फ्रीबी की वजह से सरकारें अपने मूल काम नहीं कर पा रही हैं क्योंकि खजाना इनके चक्कर में ही खाली होता जा रहा है. दो साल पूरानी इस रिपोर्ट को इन दिनों इसलिए हाइलाइट किया जा रहा है क्योंकि अब हिमाचल प्रदेश सरकार का खजाना इतना खाली हो गया है कि मुख्यमंत्री और उनके मंत्री ही नहीं अन्य अधिकारी भी दो महीने तक वेतन नहीं लेने की बात कह रहे हैं.
आरबीआई की इस रिपोर्ट में दावा है कि 2026-27 तक राज्यों की आय कम होती जाएगी जबकि उनके खर्च बढ़ते जाएंगे और इसमें फ्रीबी का सबसे बड़ा हिस्सा रहेगा. फिलहाल सबसे खराब स्थिति पंजाब की है जबकि केरल, बंगाल और दिल्ली भी इसी राह पर हैं.
फ्रीबीज वे योजनाएं हैं जिसमें मुफ्त और सीधे जनता तक लाभ पहुंचाने की बात होती है जैसे सरकारें छात्रों को मुफ्त लैपटॉप या साइकिल दे या महिलाओं को हर महीने पैसे उनके खाते में पहुंचाने की बात. बिजली और पानी के बिल माफ करने की बातें भी आप और हम हर घोषाापत्र में देखते ही हैँ. हालिया चुनाव के बाद हिमाचल प्रदेश पर कर्ज बढ़कर साढ़े 86 हजार करोड़ रुपये तक आ गया है. अब मुख्यमंत्री सुक्खू कह रहे हैं हो सके तो दो महीने तक मंत्री और अफसर एडजस्ट कर लें, इन सभी को कहा गया है कि अभी वेतन भत्ता मत लीजिए, यह सब आगे देख लेंगे.