supreme court ने जमकर फटकारा विभव कुमार को
क्या ऐसे गुंडे को सीएम हाउस में होना चाहिए?
स्वाति मालीवाल से मारपीट के आरोप में पिछले ढाई महीने से जेल में बंद विभव कुमार ने 12 जुलाई को हाइकोर्ट द्वारा जमानत न देने के बाद सुप्रीम कोर्ट में यह कहते हुए याचिका लगाई थी कि उनके खिलाफ आरोप बेबुनियाद हैं और उन्हें जमानत दी जानी चाहिए.जब अभिषेक मनु सिंघवी उनकी तरफ से पैरवी करने खड़े हुए तो एससी ने उनसे पूछज्ञ कि क्या ऐसे गुंडे को किसी भी हालत में एक सीएम हाउस में होना चाहिए?
विभव कुमार की दलीलों पर कोर्ट ने कहा कि यदि मालीवाल के पास अपाइंटमेंट न होने से उनकी वहां मौजूदगी पर आप सवाल उठा रहे हैं तो आप यह बताइये कि आप वहां किस हैसियत से और क्यों थे. आप पूर्व सचिव रहे हैं और लगता है कि सत्ता का घमंड आपको इस कदर हो गया है कि आप मारपीट करने से पहले भी नहीं सोचते. सिंघवी ने दलील दी कि मालीवाल ने तीन दिन बाद रिपोर्ट कराई और चूंकि कोई बड़ी चोट भी नहीं थी इसलिए विभव को जमानत दी जाए,इस पर कोर्ट ने उनसे पलट कर सवाल पूछा कि मालीवाल ने यदि वहां से हेल्पलाइन को कॉल किया उसे क्या माना जाए? कोर्ट ने हाइकोर्ट की उस बात को भी रेखांकित किया जिामें उसने पाया कि विभव को मारपीट करने का जरा भी रंज नहीं है.