June 20, 2025
वर्ल्ड

Musk, Trump और शुक्र मनाते विवेक रामास्वामी

सौ दिन से ज्यादा का समय तो ट्रंप को सत्ता संभाले ही हो गया लेकिन उनके राज वले अमेरिका से रोचक खबरें लगातार आती रही हैं और ये या तो बेहद रोचक होती हैं या पूरी दुनिया पर असर डालने वाली होती हैं और ज्यादातर मामलों में दोनों ही होती हैं लिहाजा एक चाबरी हिस्से का नाम ही अमेरिकाना किए देते हैं जहां अमेरिका से जुड़ी खबरें लगातार मिलती रहेंगी कि ट्रंप क्यों अपने डियर फ्रेंड मस्क से झगड़ बैठे और कैसे मस्क ने ऐसी फाइलों का जिक्र कर दिया है जो ट्रंप के लिए सिरदर्द बन सकती हैं. अमरिक्का में ही रहने वाले मनजी की कलम से पढ़िए आज एपिसोड…नंबर एक-
आज अमेरिका में ट्रम्प ताऊ और मस्क चच्चा में गर्मागर्म चैंट गई- गुथमगुत्था होने की नौबत आने की बात हो गई.
मसला क्या था?
मस्क का टेम्पररी कार्यकाल मई में समाप्त हुआ था- मस्क ने अपने व्यापार को साइड रख सरकारी कटौती का विभाग चलाया. अब ट्रम्प ताऊ नया बिल लाए थे जिसे उन्ने बिग ब्यूटीफुल बिल कहा था. दरअसल इस बिल के तहत सरकार अपनी कमाई से डेढ़ गुना खर्चा करने का प्लान बनाये हुए थी- रक्षा मद आदि में. मस्क ने इस बिल को अमेरिका का क़र्ज़ बढ़ाने वाला बताया-भर्त्सना की. ताऊ ने कहा- बिल मस्क की जानकारी में था किंतु जब सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पे मिलने वाली सरकारी सब्सिडी बंद करने की बात की तो मस्क बिदक गए. इस पे मस्क का कहना था कि सब्सिडी तो मैंने पहले भी कहा था कि बंद कर दो.
ताऊ ने पलटवार कुछ कहा तो चच्चा ने भी कोई कोताही ना रखी. मस्क ने ये तक कह डाला- अगर मेरी मदद ना मिलती तो तुम चुनाव जीत ना पाते ताऊ. आगे ये भी धमाका किया कि ट्रम्प ताऊ का नाम एप्स्टीन फाइल में भी है. एपस्टीन फाइल अमेरिकी सरकार का ख़ुफ़िया दस्तावेज़ है जिसके में एपस्टीन नामक एक यौन तस्कर और बाल यौन शोषण के अनेक जाने माने नाम शामिल है. एपस्टीन फाइल में नाम होने के बाद अमेरिका की सियासत में हड़कंप मच गया. एक सोशल मीडिया पोस्ट जिस में ट्रम्प पे महाभियोग चलाने की बात की गई थी- इस पोस्ट को मस्क ने रीट्वीट कर डाला.
ट्रम्प ताऊ ने ये लिखा कि अब वक्त आ गया है कि अमेरिकी सरकार मस्क की कंपनी के सब ठेके बंद दें. इस पे मस्क ने कहा जो उखाड़ना है उखाड़ लो. इसके साथ ही मस्क ने ऐलान किया कि उसकी कंपनी स्पेस एक्स अपना बड़ा प्रोजेक्ट रोक रही है जिसके चलते नासा के साथ काम कर रही थी. मस्क ने आगे ये कहा कि ट्रम्प ताऊ तो केवल साढ़े तीन साल प्रेसिडेंट रहेंगे, मैं कम से कम चालीस साल तक जीवित रहूँगा, मूंग दलता रहूँगा. मस्क ने ट्विटर पे पोल भी किया कि क्या अमेरिका को नए राजनैतिक दल की जरूरत है? इस द्वंद् के चलते मस्क की कंपनी टेस्ला का स्टॉक धड़ाम कर नीचे गिरा. एक दिन में चालीस डॉलर की गिरावट दर्ज की गई. अमरीकी राइट विंग में अफ़रातफ़री का माहौल है- वे लोग अब साबित करने में लगे है कि एपस्टाइन फाइल वाली बात झूठी है.
कुल मिलाकर ताऊ और चच्चा की लड़ाई सड़क पे खुलेआम हुई- बस एक दूसरे का गिरेबान नहीं पकड़ा गया. क्या पता आने वाले दिनों में वो भी हो जायें. अमेरिकी पॉलिटिक्स अभी ऐसे दौर में गुजर रही है कि हर रोज कोई ना कोई एक्शन चल रहा है. कभी टैरिफ, कभी डिपोर्ट, कभी देशों की ब्लैक लिस्ट, कभी कुछ कभी कुछ. एंटरटेनमेंट की कोई कमी नहीं है! ताऊ और चच्चा में चल रहा ये तीसरा विश्व युद्ध ना जाने किस किस को बर्बाद करेगा. मोदीजी से प्रार्थना है तुरंत सीज फ़ायर करवायें!
अमेरिका में रोजाना होने वाले झगड़े किटकिट के वास्ते अर्ज़ है-
कटता नहीं है दिन मिरा झगड़ा किए बग़ैर
होता है एक काम ये नागा किए बग़ैर!
नंबर दो एपिसोड-
राष्ट्रपति ट्रम्प के चुनाव अभियान में मस्क के साथ कंधे से कंधा मिलाकर भारतवंशी विवेक रामास्वामी ने कड़ी मेहनत की थी. विवेक के भाषण और चुनावी रैलियों ने बड़ा प्रभाव डाला था. कूड़ेदान वाले कर्मचारियों के साथ तक विवेक ने काम किया था- चुनाव प्रचार में. आशा थी जब चुनाव जीतेंगे तब विवेक को सरकार में अच्छा प्रभार मिलेगा. ये भी पूर्ण उम्मीद थी कि सरकारी खर्चे में कटौती वाले विभाग में मस्क और विवेक एक साथ काम करेंगे. किंतु ऐसा नहीं हुआ. विवेक को कोई भी पद नहीं दिया गया- लोकल राज्य की राजनीति में छोड़ दिया गया. तब बड़ी निराशा हुई थी कि विवेक को ऐसे छेंक दिया गया.

आज मस्क को देख लगता है अच्छा ही हुआ जो विवेक ने DOGE विभाग नहीं संभाला. आज भी विवेक को राइट विंगर कट्टर अमेरिकी नस्लभेद अपशब्दों से नवाज़ते है, बारम्बार कहते है गो बैक टू इंडिया. सोचिए यदि विवेक ने कटौती वाला विभाग संभाला होता तो आज विवेक को कितनी और घृणा का सामना करना पड़ता. और संभव था अमेरिका में भारतवंशियों के विरुद्ध नफ़रत की लहर चल पड़ती. आज जो भी हुआ, उसे देख विवेक की सांस में सांस आई होगी कि जो होता है अच्छा ही होता है!
चलते चलते- उम्मीद है कि बहुत जल्द ताऊ ट्रम्प और मस्क चच्चा में सुलह हो जाएगी. दोनों फिर एक साथ खड़े दिखाई देंगे.
ना कहो जब दोनों सामने सामने हो तो अर्ज़ करें-
लात उठा हाथ उठा जूता उठा माई डीयर
अपने सीने से मगर मुझ को लगा माई डीयर!
पैच अप ऐसे ही होते है…
नंबर तीन-
ट्रंप ने नया आदेश जारी कर बताया है कि 12 देशों के लोग अब अमेरिका न सैर करने आ सकेंगे और न काम काज करने इधर का रुख कर पाएंगे, सात देश ऐसे भी हैं जिन पर पूरा प्रतिबंध तो नहीं लेकिन कड़ी नजर जरुर रहेगी. ट्रंप ने इसे अमेरिका की सुरक्षा से जोड़कर ‘ट्रंप टैवेल बैन’ फिर शुरु कर दिया है जो उनके पहले कार्यकाल में सात देशों पर था. अब अफगानिस्तान, म्यांमार, चाड, एक्वाटोरियल गुयाना, हैती, कांगो, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, यमन और इरिट्रिया का कोई नागरिक अमेरिका में घुस नहीं पाएगा वहीं वेनेजुएला, क्यूबा, लाओस, टोगो, लियोन, बुरुंडी औऱ तुर्कमेनिस्तान पर आव्रजन वालों की कड़ी नजर रहेगी. पिछली बार तो वहां की सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप का आदेश रद्द कर दिया था, इस बार क्या होता है, नजर रखिए.