Covid के बाद पहली बार होगी कैलाश यात्रा
कैलाश मानसरोवर यात्रा 30 जून से
कैलश मानसरोवर यात्रा 30 जून से शुरू होगी. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में 17 हजार फुट की ऊंचाई पर मौजूद लिपुलेख दरें से इसकी शुरुआत होगी. यह यात्रा 2020 में कोविड के चलते स्थगित हुई थी और अब तक चालू नहीं हो पाई. उत्तराखंड सरकार व भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में इस यात्रा के संचालन का जिम्मा कुमाऊं मंडल विकास निगम के पास होगा. दिल्ली से 30 जून को 50-50 व्यक्तियों के पांच दल एक एक कर रवाना होंगे. कैलाश मानसरोवर यात्रा करने वाला पहला दल 10 जुलाई को लिपुलेख दरें से चीन में पहुंचेगा.

हर दल दिल्ली से चलकर उत्तराखंड के टनकपुर में एक रात, पिथौरागढ़ के धारचूला में एक रात, गुंजी में दो रात तथा नाभीढांग में दो रात रुकने के बाद चीन के तकलाकोट में पहुंचेगा. वापसी में पिथौरागढ़ के बूंदी में एक रात, चौकोड़ी में एक रात, अल्मोड़ा में एक रात रुकने के बाद दिल्ली पहुंचने की व्यवस्था रहेगी यानी हर दल को 22 दिनों में यात्रा पूरी करनी है. यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण पहले दिल्ली में फिर गुंजी में होगा. चीन के नियंत्रण वाले तिब्बत में कैलाश पर्वत भगवाान शिव का निवास और मानसरोवर झील मोक्ष दिलाने वाली झील मामना जाता है. इसी वजह से इसका धार्मिक महत्व काफी ज्यादा है लेकिन चीन के कब्जे वाले हिस्से में होने और अत्यंत दुर्गम मार्ग होने से यहां सीमित यात्री ही जा सकते हैं.