June 21, 2025
देश दुनिया

Skill Census पर काम शुरु किया आंध्र में नायडू ने

नायडू को मिल रही नई पहल पर सराहना

आंध्र प्रदेश की विधानसभा से पिछली बार जब चंद्रबाबू ननायडू निकले थे तो उन्होंने संकल्प लिया था कि अब सीएम बनकर ही वापस सदन में लौटूंगा और यही उन्होंने किया भी, अब मुख्यमंत्री बतौर उन्होंने फिर वही काम शुरु कर दिए हैं जिनके चलते उन्हें देश ही नहीं विदेश तक में पहचान मिली है. जिस समय राहुल गांधी जातिगत जनगणना का राग अलाप रहे हैं उस समय नायडू राज्य में स्किल सेंसस पर काम कर रहे हैं. दरअसल स्किल सेंसस से पता लगाया जा सकता है कि देश की इंडस्ट्रीज में किस तरह के कौशल की कितनी कमी है और इसे ट्रेनिंग के जरिए कैसे पूरा किया जा सकता है यानी स्किल जनगणना से प्रभावी ट्रेंनिंग प्रोग्राम बनाए जा सकते हैं और ऐसे नए पाठ्यक्रम तैयार किए जा सकते हैं, जो इंडस्ट्री द्वारा चाही गई स्किल्स पूरी कर सके. ऐसा तभी संभव है, जब स्किल सेंसस से कार्यकुशल लोगों के बारे में जानाकारी उपलब्ध हो.

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का ह्युमन कैपिटल इंडेक्स बताता है कि दुनिया में सबसे ज्यादा स्किल आबादी वाले देश फिनलैंड, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं. इन देशो में प्राइमरी के बाद यानी साक्षरता के साथ ट्रेनिंग दी जाती है जो इंडस्ट्री की मांग और उनकी रुचि के बीच पुल का काम करती है, स्किल सेंसस की पहल यूं तो पूरे देश के लिए बेहतरीन हो सकती है लेकिन जातिगत गणना की मांग के बीच यदि यह एक प्रदेश में भी लागू होती है तो यह अच्छी पहल मानी जा सकती है और यह भी तय है कि ऐसा काम वे ही कर सकते हैं जो जातिगत जनगणना के झमेले से दूर हैं. ऐसी योजना पूरे भारत को नई दिशा दे सकती है क्योंकि जब वर्कफोर्स और उपलब्ध स्किल्स के बारे में पता हो तो कमी को पूरा करना आसान होगा.यहां तक कि हम दूसरे देशों से भी मानव संसाधनों को लेकर सही सही योजनाओं पर काम कर सकते हैं.