June 22, 2025
देश दुनिया

MNREGA में क्रिकेटर शमी की बहन भी मजदूर

शबीना के पति और डॉक्टर देवर ने भी खुद को मजदूर बताकर लिए पैसे

मनरेगा पर तमाम तरह की जांचों के बाद घपलों में कुछ तो कमी आई है लेकिन इसमें किस तरह घपलेबाजी होती रही है इसका एक उदाहरण अमरोहा में सामने आया है जहां क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन के परिवार ने सरकार से जमकर पैसा लिया लेकिन कागजों पर मजदूर दिखाए गए ये लोग इंजीनियर और डॉक्टर तक हैं. शमी की बहन शबीना के देवर ने तो कागजों पर खुद को अमरोहा के पलौला गांव में खुद मजदूर बताया लेकिन इस बीच वह लखनऊ में रहकर 2023 में एमबीबीएस भी कर रहा था. जोया ब्लॉक की इस घटना के सामने आने के बाद जांच चल रही हैं लेकिन 2021 से लेकर 2024 तक शबीना और उसके परिवार का यह घोटाला संज्ञान में न आना भी अपने आप में पहेली बना हुआ है.

रिकॉर्ड के अनुसार शबीना ने जनवरी 2021 में मनरेगा मजदूर का कार्ड बनवाया, पति गजनबी, देवर आमिर सुहेल और शेखू का भी कार्ड साथ ही बना. शबीना को तीन साल में 372 दिन की मजदूरी बतौर 71,013 रुपये मिलना बताया गया है. शबीना के पति गजनवी को 65 हजार, देवर आमिर सुहेल को 63851 रुपये, देवर शेखू को 67 हजार की मनरेगा मजदूरी मिली. मजे की बात यह भी है कि 2023 से आमिर सुहेल लखनऊ में रहकर एमबीबीएस करने लगा था लेकिन उसे मनरेगा में मजदूर दिखाया जाता रहा और इसका पैसा भी मिलता रहा.
मनरेगा में पंचायत स्तर पर रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक व पंचायत सचिव के अलावा ब्लॉक स्तर पर अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी व कार्यक्रम अधिकारी (बीडीओ) व जिला स्तर पर डीसी मनरेगा, मुख्य विकास अधिकारी जैसी बड़ी कड़ी होते हैं जिन पर इसकी निगरानी का जिम्मा होता है. यह भी बताया गया है कि जिस गांव में इन्हें मजदूर दिखाया गया है वहां न लंबे समय से मनरेगा का कोई काम चल रहा है और न दो साल गांव में रोजगार सेवक ही तैनात है.