ICC की बैठक में इजराइली पीएम पर वारंट को लेकर सवाल
नेतन्याहू पर जारी वारंट को लेकर सवाल
अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत (आईसीसी) के सोमवार से शुरु हुए सालाना सम्मेलन में इसराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ जारी वारंट पर हंगामे के आसार हैं. आईसीसी ने नेतन्याहू और पूर्व उनके रक्षा मंत्री रहे योआव के लिए यह वारंट जारी किया है. आईसीसी के अधिकतर देशों का इस वारंट को को समर्थन मिलता नहीं दिख रहा. नीदरलैंड्स में स्थित इस कोर्ट के वारंट पर वहीं के पीएम ने कहा कि नेतन्याहू यहां आएं तो उनकी गिरफ्तारी नहीं होगी. आईसीसी के 124 सदस्य जिन देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं उनमें से अधिकांश इस वारंट के खिलाफ हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति इस वारंट को अस्वीकार्य बता चुके हैं. इस बार आईसीसी के चीफ प्रॉसिक्यूटर करीम खान पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप भी फोकस में हैं.
क्या है आईसीसी?
आईसीसी ऐसी अंतरराष्ट्रीय अदालत है जिसने 2002 से काम शुरु किया था. “रोम स्टैचूट” संधि के आधार पर बनी इस कोर्ट में नरसंहार, मानवता के खिलाफ अपराध, युद्ध अपराध और किसी अन्य देश की संप्रभुता, अखंडता या स्वतंत्रता के खिलाफ सेना के इस्तेमाल पर न सिर्फ अपराध तय करती है बल्कि सजा भी तय करती है. इसका अपना कोई पुलिस बल नहीं है.यानी यह देशों के सहयोग पर निर्भर है. आईसीसी को अपने कामकाज के लिए सदस्य देशों की ओर से फंडिंग मिलती हैं. जापान, जर्मनी और फ्रांस सबसे ज्यादा सक्रिय देश हैं अमेरिका, चीन और इसराइल इसके सदस्य हैं लेकिन भारत इसका सदस्य नहीं है.