Makhanlal पत्रकारिता विश्वविद्यालय के रीडर की नियुक्ति गलत थी
माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में पूर्व प्रभारी कुलपति संजय द्विवेदी और प्रोफेसर पवित्र श्रीवास्तव की नियुक्ति को हाईकोर्ट ने गलत माना है. हाईकोर्ट ने दोनों की नियुक्ति को नियम विरुद्ध और राजनीतिक कारणाें से की गई नियुक्ति माना है. कोर्ट ने कहा कि नियमों का पालन नहीं करना बताता है कि तत्कालीन कुलपति और रजिस्ट्रार पक्षपात करते हुए अपने अपनों को उपकृत कर रहे थे. नियमों का उल्लंघन कर हुई नियुक्ति पर स्वीकृति नहीं दी जा सकती. द्विवेदी और श्रीवास्तव की साल 2009 में हुई नियुक्ति को नियम के खिलाफ इसलिए माना गयया क्योंकि जनसंचार और जनसंपर्क एवं विज्ञापन विभाग से कोई साक्षात्कार पैनल में शामिल नहीं किया गया था. कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि पत्रकारिता विभाग में रीडर पद पर भर्ती के लिए नए सिरे से विज्ञापन जारी कर साक्षात्कार लिए जाएं. इन नियुक्तियों को आशुतोष मिश्रा ने वर्ष 2015 में चुनौती दी थी. दलील यह थी कि 11 अप्रैल, 2008 को भर्ती विज्ञापन दिया गया लेकिन धारा 33(2)(डी) का पालन नहीं किया गया. इसके तहत चयन समिति में संबंधित विभाग के विभागाध्यक्षों को शामिल करना अनिवार्य था.