Weather Forecast में बड़ा निवेश कर रही सरकार
एआई और सुपर कंप्यूटरों के इस्तेमाल से एडवांस होगा वेदर फोरकास्ट
भारतीय मौसम वैज्ञानिक आने वाले 5 सालों में बारिश, ओले और बिजली गिरने के मामलों में काफी हद तक नियंत्रण पा लेने की कोशिश में हैं. मिशन मौसम में देश को क्लाइमेट स्मार्ट और वेदर रेडी बनाने की जो कोशिशें जारी हैं उनमें मौसम GPT ऐप जैसा एक एआई से युक्त एप्लीकेशन मौसम की सभी जानकारी देने में सक्षम होगा. इस मिशन के लिए 2000 करोड़ रूपए का फंड भी मंजूर हो गया है.
अर्थ एंड साइंस मिनिस्ट्री के सेक्रेटरी के अनुसार हम जहां ज्यादा बारिश की जरूरत होगी वहां क्लाउड सीडिंग से बारिश की जाएगी और अगले 5 साल में आर्टिफिशियल वेदर मॉडिफिकेशन पर काम बहुत तेजी से हो सकेगा. इस मिशन के तहत वेदर फोरकास्टिंग सिस्टम को सुधारना सबसे बड़ी जरुरत है, जिसमें पूर्वानुमान का मार्जिन ऑफ एरर 5% से 10% तक ही सीमित रहेगा. AI पर आधारित इस ऐप से मौसम से जुड़ी जानकारी ले सकेंगे. अभी तो सुबह की धूप देख कर प्लान बनते हैं और दोहपहर तक बारिश उसे चौपट कर देती है. किसान ऐप के जरिए, नंबर डायल कर या एसएमएस से अपने क्षेत्र का मौसम पूर्वानुमान ले सकेंगे. मिशन मौसम से ज्यादा बारिश, बाढ़, बादल फटने और सूखा पड़ने जैसी मुसीबतों से बचा जा सकता है. कृषि, आपदा प्रबंधन, रक्षा, एविएशन, एनर्जी, वाटर रिसोर्सेज और टूरिज्म सहित कई सेक्टर्स को फायदा हो सकेगा.