Russia का सर्वोच्च सम्मान लेने के बाद मोदी ऑस्ट्रिया पहुंचे, जेलेंस्की नाराज
रुस के दौरे के बाद प्रधानमंत्री मोदी ऑस्केट्रिया पहुंच गए हैं लेकिन उनकी रुस यात्रा को लेकर दुनिया भर में अलग अलग प्रतिक्रियाएं आती जा रही हैं. पुतिन को गले लगाने को लेकर यूक्रेन की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया आई है और जेलेंस्की ने इस बात पर निराशा जताई है कि मोदी ने पुतिन के खून से सने हाथों को थाम लिया. रूस दौरे के दूसरे दिन मोदी ने शिखर वार्ता में भाग लिया. इसमें पुतिन ने मोदी की यूक्रेन संकट का हल खोजने की कोशिश की तारीफ की. वहीं मोदी ने कहा कि युद्ध से शांति का रास्ता नहीं निकलता. मोदी ने कहा कि युद्ध में घायल बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं सहित इंसानियत को घायल होते देख दिल दुखता है. दोनों नेताओं ने भरोसा जताया कि भारत-रूस संबंध और मजबूती की तरफ बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि जब दुनिया में खाद्य पदार्थों, ईधन और उर्वरक की कमी झेल रही थी रुस के साथ दोस्ती के चलते हमें इनका संकट नहीं झेलना पड़ा. रूस की ओर से पुतिन ने पीएम मोदी को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ से सम्मानित किया. अब मोदी रुस से निकल कर ऑस्ट्रिया की यात्रा पर हैं.
आतंकवाद की समस्या को करीब से समझता है भारत
मोदी ने कहा भारत पांच दशकों से आतंकवाद झेल रहा है. इसलिए रुस में हुए आतंकी हमले को बेहतर समझता है. शांति के हर कदम पर भारत सहयोग को तैयार है क्योंकि हमेशा भारत शांति का पक्षधर रहा है. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने मोदी-पुतिन की मुलाकात पर निराशा जताते हुए इसे यूक्रेन में शांति के मामले में झटका बताया. सोशल मीडिया पर जेलेंस्की ने लिखा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के नेता का दुनिया के सबसे सूनी नेता को गले लगाना निराशाजनक है. इधर मोदी ने रुसी सेना में जबरन भर्ती भारतीयों के बआरे में पुतिन से बात की तो अश्वासन मिला कि सभी भारतीय डिस्चार्ज कर दिए जाएंगे. रुस की यात्रा पूरी कर पीएम ऑस्ट्रिया पहुंच गए जहां उनका भव्य स्वागत हुआ.