Online Nikah को कानूनी मानें या नहीं, सरकार बताए
सीआरपीएफ के जवान मुनीर अहमद की पाकिस्तानी बीबी मीनल को पाकिस्तान भेजने का मामला उलझा
पहलगाम हमले के बाद से सरकार ने जो पाकिस्तानी नागरिकों को तुरंत निकाले जाने के आदेश दिए उसके चलते कई अजीब किस्से सामने आ रहे हें जिसमें सीआरपीएफ के जवान मुनीर अहमद का मामला भी शामिल है जिनका निकाह ऑनलाइन पाकिस्तानी लड़की से होना बताया गया. जब मुनीर की बीवी मीनल को वापस भेजे जाने की बात आई तो मुनीर जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट पहुंच गया और मीनल को रोकने का आदेश देने की गुजारिश की. इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि पहले तो यही देखना होगा कि निकाह कानूनी तौर पर सही है या नहीं. कोर्ट ने कहा कि यदि मुनीर का निकाह ‘ऑनलाइन’ हुआ है तो निकाहनामे पर जम्मू के हंदवाल का नाम लिखाा होना भी गलत है. जब एक पक्ष पाकिसतान में था, दूसरा हिंदुस्तान में था और निकाह ऑनलाइन हुआ तो हंदवाल लिखना तो गलत ही होगा.
कोर्ट ने यह भी कहा कि मुनीर ने जो तारीख विभाग का निकाह की बताई थी उस पर निकाह न होने के चलते भी यह देखा जाना होगा कि हकीकत क्या है. जज ने कहा कि सरकार को देखना होगा कि ये ऑनलाइन शादियाँ कानूनन मानी जाएँ या नहीं. मुनीर ने कोर्ट में माना कि मीनल ने वीजा के लिए अर्जी तो दी है लेकिन उसका पिछला वीजा खत्म हो चुका है यानी वह गैरकानूनी तरीके से भारत में हैं. हाई कोर्ट ने मामले के लिए अगली सुनवाई की तारीख 10 मई 2025 तय की है. इस मामले से यह भी साफ हो रहा है कि मीनल की तरह कई पाकिस्तानी लोग ऐसे हैं जो वीजा खत्म होने पर भी भारत में ही रह रहे हैं.