WAQF संशोधन बैठक में ASI ने लगाया 120 राष्ट्रीय स्मारकों पर दावे का आरोप
भाजपा सांसद ने कहा कुरान में जिक्र नहीं इसलिए वक्फ गैर इस्लामिक
केंद्र सरकार का लाया हुआ वक्फ संशोधन बिल अब संयुक्त संसदीय समिति के पास है और इस जेपीसी के सामने अब लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने JPC के सामने तथ्य रखते हुए बताया है कि उसके पास 120 ऐसे राष्ट्रीय स्मारकों की सूची है जिन पर वक्फ बोर्ड ने दावा जता रखा है. ASI ने जेपीसी को बताया कि ये सभी स्मारक अभी उसके संरक्षण में हैं लेकिन विभिन्न राज्यों के वक्फ बोर्ड इन पर अपना दावा लगा चुके हैं. इनमें कुछ तो ऐसे भी हैं जिन्हें संरक्षित घोषित करने के काफी बाद वक्फ का दावा लगाया गया है.
अहमदनगर स्थित अहमद शाह की कब्र को एएसआई ने 1909 में संरक्षित घोषित किया था जिसे 2006 में वक्फ ने अपना बता दिया. एएसआई ने बताया है कि वक्फ से देश भर में 132 संपत्तियों को लेकर उसका विवाद है. वक्फ कानून में बदलाव पर विचार कर रही जेपीसी की चौथी बैठक में संस्कृति मंत्रालय के सचिव ने जेपीसी के सामने ये बातें बताईं है, चूंकि एएसआई संस्कृति मंत्रालय के अधीन आता है इसलिए इसे प्रेजेंटेशन देने को कहा गया था. बैठक में विपक्षी सदस्य और मुस्लिम पक्ष लगातार हमलावर रहे .उन्होंने समिति के सदस्यों को गुमराह करने और गलत सूचना देने का आरोप एएसआई पर ही लगा दिया. मुस्लिम पक्षों के प्रतिनिधियों ने ASI पर ही स्मारकों पर अतिक्रमण करने का आरोप लगा डाला. सत्ता पक्ष के एक सांसद ने कहा कि कुरान में तो वक्फ का जिक्र ही नहीं है और वक्फ बोर्ड गैर-इस्लामिक संस्था है इस बयान के बाद बैठक में जबरदस्त हंगामा मचा. इसी बीच संस्कृति मंत्रालय ने ऐसे 53 स्मारकों की लिस्ट देते हुए कहा कि यह अभी देश भर से जानकारी आने के बाद ही यह सूची पूरी होगी जिसमें वक्फ ने गलत तरीके से दावे लगा दिए हैं.
जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली जेपीसी की बैठक में भाजपा के निशिकांत दुबे, बृजलाल, तेजस्वी सूर्या और संजय जायसवाल थे. कांग्रेस से गौरव गोगोई, मोहम्मद जावेद, सैयद नसीर हुसैन, इमरान मसूद, टीएमसी से कल्याण बनर्जी, AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी और आप के संजय सिंह उपस्थित रहे.