June 26, 2025
देश दुनिया

Sofiya Qureshi और ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग

सोफिया पीएचडी करते हुए पढ़ा रही थीं लेकिन सेना में चयन का जो सपना दादा और पिता से मिला था, उसे पूरा किया

भारत ने पाकिस्तान पर जो ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया उसकी प्रेस ब्रीफिंग करते हुए जब विदेश सचिव विक्रम मिस्री और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ शीर्ष सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पहुंचीं तो वड़ोदरा की वो शर्मीली सकुचाई सी लड़की का यह रुप देखकर उनके पिता अपने सेना में बिताए दिनों को ययाद कर और बेटी को देखकर भावुक थे. लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी सेना में सिग्नल कोर की अधिकारी हैं, संयुक्त राष्ट्र के कांगो शांति अभियान में अपने काम की छाप छोड़ने वाली कर्नल कुरैशी ने बायोकेमिस्ट्री में मास्टर्स की डिग्री कर रखी है और पीएचडी करने के दौरान उन्होंने सेना में जाना तय कर लिया था. अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व संभालने वाली सोफिया के दादा और पिता, दोनों भारतीय सेना में रह चुके हैं. शॉर्ट सर्विस कमीशन से चयनित होने पर उन्होंने टीचिंग और पीएचडी दोनों छोड़ दिए. 1999 में सिग्नल कोर में कमीशन होने के बाद से लगातार उन्होंने परिवार को गर्व के मौके दिए. वे 2006 से पीस कीपिंग ऑपरेशंस के दौरान कांगो में छह साल रहीं.
2016 में हुए ‘फोर्स 18’ में 18 देशों के बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली वो पहली महिला अफसर रहीं. ऑपरेशन पराक्रम के दौरान पंजाब सीमा पर भी उन्होंने सेवाएं दीं. सोफिया के पति भारतीय सेना में मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री में हैं. कई कमेंडेशन कार्ड से सम्मानित सोफिया को जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ व सिग्नल ऑफिसर इन चीफ जैसे सम्मान मिलने के साथ ही उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत की सराहना भी मिल चुकी है.