Birsa Munda के परपोते की ईलाज समय पर न मिलने से मौत
स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के परपोते मंगल सिंह मुंडा की एक दुर्घटना के बाद ईलाज न मिलने की वजह से मौत हो गई. रांची के पास हुई एक सड़क दुर्घटना में सोमवार को घायल होने के बाद उन्हें 10 घंटे तक ईलाज नहीं मिल पाने की वजह से उनकी हालत बिगड़ गई थी.
हद यह कि जिस दिन दुर्घटना हुई उस दिन राँची रिम्स अस्पताल तक उन्हें लाई एम्बुलेंस में ही उन्हें पड़े रहने दिया गया और जब बात केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा तक पहुंची तो उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से बात कर उन्हें भर्ती करवाया. अस्पताल प्रबंधन ने केंद्रीय मंत्री के दखल के बाद भी मंगल मुंडा पर ध्यान नहीं दिया, इसके बाद भी उनके परिजनों से बाहर दौड़ा दौड़ाकर दवाएं मंगवाई गईं औा इसके बाद भी लापरवाही लगातार बरती गई आखिर मंगल मुंडा का 28 नवम्बर की रात निधन हो गया. हालांकि बाद में जानकारी लगने पर सीएम हेमंत सोरेन उनसे मिलने भी पहुँचे तो डॉक्टरों ने बहानेबाजी करते हुए हकीकत उन्हें नहीं बताई. अब मुंडा के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर प्रश्न उठाते हुए लगातार पांच दिनों तक हुई लापरवाही पर और सोमवार को घायल अवस्था में लाए जाने के बाद मंगलवार तक भर्ती न करने पर सवाल उठाए हैं. वहीं झारखंड भाजपा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुंडा के निधन पर दुख जताते हुए इसे ‘व्यवस्था द्वारा हत्या’ करार दिया है.