US Election में फिर उठे मीडिया पर सवाल
बुरी तरह फेल हुए मीडियाई अनुमान
भारत के चुनावों में कई बार बेहद गलत अनुमान देने की मीडियाई हवा हवाई हरकतें अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भी नजर आईं. चूंकि अधिकतर बड़े मीडिया हाउस ट्रंप से चिढ़े हुए थे इसलिए उन्होंने सक्रिय रुप से डेमोक्रेट्स के लिए काम किया, हालांकि वॉशिंगटन पोस्ट ने चुनाव से कुछ ही पहले यह साफ किया कि वह ‘इस बार’ डेमोक्रेट्स को एंडोर्स नहीं करेगा यानी कमला हैरिस के प्रचार से वह हाथ खींच रहा है. इसका बावजूद फॉक्स मीडिया सहित लगभग सभी बड़े संस्थान ट्रंप को कमला से लगातार पीछे बता रहे थे और जब नतीजे आने लगे तब जाकर इन मीडिया हाउसेस ने माना कि ट्रंप जीत रहे हैं.
ऐसा नहीं कि ट्रंप के पक्ष में कोई मजबूती नहीं थी क्योंकि इस बार सोशल मीडिया के दिग्गज टि्वटर के मालिक एलन मस्क पूरी तरह ट्रंप के साथ दीवार की तरह मजबूती से खड़े रहे. फेसबुक ने किसी तरफ सीधे झुकने की बात तो नहीं की लेकिन उसका झुकाव कमला हैरिस की तरफ कतई नहीं था और इसका सीधा फायदा ट्रंप को मिलना ही था. पूरी दुनिया को मीडिया स्वतंत्रता के पाठ पढ़ाने वाले अमेरिकी मीडिया की पक्षपाती सोच इस बार जिस कदर खुल कर सामने आया है कि अब तक की जा रही इनकी सभी हरकतें भी सवालों के घेरे में हैं, ऐसे में सोशल मीडिया के किसी को साथ देने को गलत नहीं कहा जा सकता क्योंकि इस मीडिया ने कभी निष्पक्ष होने के नाम पर गाने नहीं गाए. अब जो सवाल हैं उनके जवाब अमेरिकी मीडिया को देना ही होंगे जो न जाने कब से पक्षपाती रिपोर्टिंग करते रहे हैं और जनमानस बनाने में पूरी ताकत से एकतरफा महौल बनाते रहे हैं लेकिन इन अमेरिकी नतीजों ने यह भी बता दिया है कि अब लोगों पर मीडिया के प्रभावित करने का असर कम से कमतर होता जा रहा है. ट्रंप तो पहले से मीडिया को गरियाते रहे हैं लेकिन इस बार तो नतीजे कही रहे हैं कि अमेरिकी जनता ने भी बिडेन को ही नहीं मीडिया को भी बुरी तरह नकार दिया है.