SEBI Chairperson ने F&O को लेकर जताई चिंता
निवेशकों की बचत हो रही स्वाहा
एफ एंड ओ (स्पेक्युलेशन एंड फ्यूचर ऑप्शन) को लेकर सेबी चेयरपर्सन माध्वी पुरी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि इसमें सट्टेबाजी से आम लोग बुरी तरह प्रभावित होते हैं और इससे सावधान रहने की जरुरत है क्योंकि इससे बचत स्वाहा हो रही है. उन्होंने कहा कि एफएंडओ के तहत हुए दस में से नौ तक सौदे स्पेक्युलेशन के होने लगें तो चेतावनी देना जरुरी हो जाता है. 2022 में ट्रेड करने वालों की संख्या 2019 की तुलना में 500% तक बढ़ गई है. इन तीन सालों की ही बात करें तो 90% एक्टिव ट्रेडर्स को औसतन 1.25 लाख रुपए नुकसान हुआ है. मई 2024 में एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री, भी कह चुकी हैं कि एफएंडओ में रिटेल ट्रेडिंग का अनियंत्रित तरीका बाजारों और इन्वेस्टर्स के सेंटीमेंट और घरेलू बचत को लेकर दिक्कतें खड़ी कर सकता है, इसे एक निवेशक का माइक्रो इश्यू न समझकर अर्थव्यवस्था का मैक्रो इश्यू माना जाना ज्यादा सही होगा. यदि सेविंग्स सट्टेबाजी में जा रही हो तो यह चिंता की बात होनी ही चाहिए. सेविंग करने वाले इन्वेस्टर रहें तो अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है लेकिन यदि वे स्पैकुलेटर बन जाएं तो मुश्किल हो सकती है.
क्या है स्पेक्युलेशन
स्पेकुलेशन किसी एसेट की भविष्य में क्या कीमत होगी इस बात अंदाजला लगाना है जिस पर वैल्यू गेन की उम्मीद में सौदे किए जाते हैं. इनमें रिस्क भी बहुत ज्यादा होती है लेकिन इनसे यदि प्रॉफिट हो तो वह भी सामान्य निवेश की तुलना में ज्यादा हो सकता है, इसीलिए कम समय में ज्यादा रिटर्न की उम्मीद में ये सौदे किए जाते हैं. निवेशक इसमें कम पूंजी में स्टॉक, कमोडिटी और करेंसी तक की बड़ी पोजीशन ले सकते हैं. हालांकि ये डेरिवेटिव कॉन्ट्रेक्ट हैं जिनकी समय सीमा हो तय होती है, इनकी कीमतों में स्टॉक की कीमतों के साथ बदलाव होते हैं और ये लॉट साइज में ही लिए जा सकते हैं.