Plast Pack 2025 का समापन: औद्योगिक विकास की नई इबारत गढ़ता आयोजन
400 एक्जीबिटर्स के प्रोडक्ट्स देखने 80 हजार विजिटर्स आए
कृषि रोबोटिक और रीसाइक्लिंग मुख्य आकर्षण
इंदौर में संपन्न हुए प्लास्टिक और पैकेजिंग के ट्रेड फेयर “प्लास्ट पैक 2025” चार दिवसीय मेगा इवेंट ने प्लास्टिक, पैकेजिंग और पेट्रोकेमिकल्स के क्षेत्र में संभावनाओं का एक नया अध्याय लिखा. समापन अवसर पर इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि प्लास्ट पैक 2025 ने प्रदेश को औद्योगिक राजधानी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. यह आयोजन प्रदेश के उद्यमियों और व्यापारियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है. इंदौर में व्यापार और व्यवसाय के कई सारी संभावनाएं मौजूद हैं, मैं प्लास्ट पैक 2025 में आए सभी एक्जीबिटर्स को आमंत्रित करता हूं कि वे इंदौर में अपने प्लांट्स लगाए और देश के विकास में सकारात्मक योगदान दें. हम आश्वासन देते हैं कि अगली बार जब यह एग्जिबिशन होगा तो इसकी सुविधाओं में एग्जिबिशन सेंटर में और तमाम फैसेलिटीज में काफी वृद्धि होगी. यह प्रदर्शनी छोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए तकनीकी और व्यावसायिक संभावनाओं को समझने का एक बेहतरीन अवसर रही. 400 से ज्यादा एक्जीबिटर्स और अस्सी हजार विजिटर्स का इसमें शामिल होना इस बात का प्रतीक है.
इंडियन प्लास्ट पैक फोरम के अध्यक्ष सचिन बंसल ने कहा, “यह आयोजन न केवल व्यापार के लिए, बल्कि नवाचार, पर्यावरण संरक्षण और औद्योगिक समृद्धि के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ है. आने वाले समय में हम इसे और भी बड़े स्तर पर आयोजित करेंगे. प्लास्ट पैक 2025 ने न केवल व्यापार के अवसर बढ़ाए, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और तकनीकी नवाचार को भी प्राथमिकता दी. यह आयोजन साबित करता है कि प्लास्टिक उद्योग केवल औद्योगिक विकास का आधार नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण और समाज के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है. मैं इस सफल आयोजन के लिए सभी एक्जीबिटर्स, मेहमानों प्लास्ट पैक की टीम और सरकार के सहयोग के लिए आभारी हूं. हम इस आयोजन को दो साल बाद और भी बड़े पैमाने पर लेकर आएंगे. अगले संस्करण में अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों को शामिल करने और नई तकनीकों को प्रदर्शित करने पर जोर दिया जाएगा.”
मुख्य आकर्षण और उपलब्धियां:
- 700 करोड़ का व्यापार लक्ष्य पार:
आयोजन के दौरान प्रदर्शकों ने 700 करोड़ रुपये के व्यापार का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे प्रदर्शनी के अंतिम दिन तक पार कर लिया गया. अकेले इस आयोजन में लगभग 400 करोड़ रुपये की मशीनों और उत्पादों की बिक्री हुई है. - रोजगार और नवाचार:
इस आयोजन में आयोजित जॉब फेयर और सेमिनार ने छात्रों और युवाओं को रोजगार के नए अवसर दिए. 100 से अधिक बच्चों के जहां ऑन द स्पॉट प्लेसमेंट हुए वहीं साडे 500 से अधिक बच्चों को दूसरे राउंड के लिए चयनित किया गया. जॉब इंटरव्यू के लिए आए बच्चों ने कृषि, स्वास्थ्य, निर्माण और अन्य क्षेत्रों में प्लास्टिक के इनोवेशन को समझा. - पर्यावरण संरक्षण में प्लास्टिक की भूमिका:
रीसाइक्लिंग पर विशेष जोर देते हुए प्रदर्शकों ने दिखाया कि कैसे प्लास्टिक वेस्ट को उपयोगी उत्पादों में बदला जा सकता है. उदाहरण के तौर पर, चिप्स और कुरकुरे के पैकेट जैसे पॉलिथीन कचरे को फर्नीचर में बदलने की तकनीक को प्रदर्शकों ने प्रदर्शित किया. - कृषि में प्लास्टिक के उपयोग:
आयोजन में ग्रीनहाउस, पॉलीहाउस और मल्चिंग तकनीकों ने यह दिखाया कि कैसे प्लास्टिक ने कृषि क्षेत्र में क्रांति लाई है. अब मध्य भारत के गर्म क्षेत्रों में भी मशरूम और केसर जैसी फसलें उगाई जा रही हैं.