Kolkata मामले पर एससी का एक ही सवाल, किसे बचाने की कोशिश है
RG कर मेडिकल कोलकाता में सुरक्षा अब सीआईएसएफ ने संभाल ली है लेकिन डर का माहौल ऐसा है कि इस कैंपस में जहां 160 महिला डॉक्टर रहती थीं अब केवल 17 यहां रह रही हैं और जो मजबूरी में यहां रह भी रही हैं वो भी डरी हुई हैं.
इस कैंपस में नर्सिंग स्टाफ भी डरा हुआ है क्योंकि 14 अगस्त की रात की जब हजारों बाहरी लोग कैंपस में घुसकर डॉक्टरों पर हमला कर रहे थे तो सभी को चेतावनी भी दी जा रही थी कि मुंह खोलने वाला का मुंह हमेशा के लिए बंद कर दिया जाएगा. हॉस्टल में रहने वाली महिला डॉक्टरों को धमकाते हुए रेप तक की धमकियां दी गईं. टॉयलेट में और बेड के नीचे जहां जिसे जगह मिली वह छुप गया लेकिन जो गुंडे आए थे उन्होंने आतंक का माहौल बना दिया. इसके बाद से महिला डॉक्टरों में से अधिकतर ने कैंपस छोड़ दिया.यहां तक कि कुल 700 रेजिडेंट डॉक्टरों में से सिर्फ सिर्फ सौ डॉक्टर कैंपस में हैं. उधर डॉक्टर घोष को बचाने को लेकर न सिर्फ पुलिस पर बल्कि अब तो सीधे ममता बनर्जी पर ही सवाल उठ रहे हैं क्योंकि रातोरात जिस तरह उन्हें दूसरी जगह अधीक्षक बनाया गया और बाद में स्वास्थ्य मंत्रालय में ही ले लिया गया, यह बात सुप्रीम कोर्ट तक हजम नहीं कर पा रहा है और सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल से बार बार यह सवाल पूछा गया कि इस मामले में किसे बचाने की कोशिश की जा रही है.
यहां के ट्रेनी डॉक्टर्स का तो आरोप है कि यहां चल रहा सिंडिकेट जिसे चाहता उसे फेल करवा देता या फेल करवाने की धमकी देकर पैसा वसूली करता था. वहीं एक कोण अंग तस्करी का भी है और तीसरा जो आरोप बीजेपी लगा रही है वह है देह व्यापार का. संदीप घोष के खिलाफ आर्थिक अनियमितताओं के लिए भी जांच बैठाई गई है यानी इस कैंपस में हर वह काम होने की बात सामने आ रही है जो नहीं होना चाहिए थे, इसके बावजूद संदीप घोष पर मश्चिम बंगाल सरकार की मेहरबानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं और इसे लेकर यह भी तथ्य सामने आया है कि घोष सरकारी संरक्षण के लिए इतने आश्वस्त रहते थे कि उनका जब जब ट्रांसफर हुआ तो उन्होंने केबिन में ताला ही लगवा दिया ताकि कोई चार्ज नहीं ले सके और हर बार वे सात दिन से भी कम समय में अपना तबादला रुकवा भी लाते थे, एक बार तो यह काम उन्होंने एक दिन में ही कर लिया था. अब जब मामले की परतें खुल रही हैं तो सामने आ रहा है कि संदीप घोष इस कैंपस के लिए जब चुने गए तो उनका नंबर 16वां था लेकिन न जाने कैसे सभी को पीछे छोड़ते हुए उन्हें इस कैंपस की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी यानी इस मामले की भी जांच अभी बाकी है कि वे इस पद तक पहुंचे ही कैसे.