July 18, 2025
Blog

खूबसूरत है ज़िंदगी…बस,मजा लीजिए

-रीमा दीवान चढ्ढा
-सुबह की पहली किरण ,ताज़गी और एक नया दिन।शुरुवात एक कप चाय से। सुबह की पहली चाय,सुकून भरा प्याला ,आपको नहीं लगता चाय की चुस्कियों में जो मज़ा है वह कहीं और नहीं है। सुबह की चाय सुख का पहला पल है। सुख बहुत अनोखी अनुभूति है।

एक पुरानी याद सुख से भर देती है।एक फोन खुश कर देता है।दो प्यारी पंक्तियाँ दिल को छू जाती हैं। बच्चे का मासूम चेहरा सुख से भर देता है।एक ग़ज़ल जीने का जज़्बा देती है तो एक गीत जीवन को लय में ले आता है। समाचार अच्छा हो तो पेपर हाथ से छूटता नहीं,बगीचे में चिड़ियों की फुदक उड़ जाने को कहती है। चारों तरफ सुख है बहुत सा सुख है।

चलिए ना अपने अपने हिस्से का बटोर लाएँ। अरे ,रे ,रे फिर गड़बड़ ,दूसरे का हक मार कर नहीं।अपना हिस्सा लीजिए और हाँ दूसरों को तो केवल देना सीखिए। पहले दीजिए एक अच्छी मुस्कान।एक फोन कर लीजिए। किसी का ग़म बाँट लीजिए ।थोड़ी सी खुशी बाँट लीजिए। चाय की चुस्कियों में ज़िंदगी का स्वाद लीजिए।