MPPSC कैंपस में दुर्घटना की जिम्मेदारी किसकी, लीपापोती का प्रयास
घायल मजदूर को अपने हाल पर छोड़ा, ईलाज के लिए कहा तो धमकाया
एक तरफ एमपीपीएससी में इंटरव्यू में गड़बड़ी और गलत पेपर्स के कारण छात्रों का भविष्य खराब हो रहा है वहीं अब यह भी सामने आया है कि लोगों की जान से खेलने में भी पीएससी पीछे नहीं है. प्राप्त जानकारी के अनुसार पीएससी ऑफिस के पिछले हिस्से और तीसरी मंजिल पर जीर्णोद्धार और निर्माण का काम चल रहा है और इसी क्रम में वहां लगे एयर कंडीशनर के सुधार और स्थानांतरण किया जाना है. पीएससी ने सिविल के कुछ कामों का जिम्मा जिसे सौंपा है उसने सभी नियमों को ताक में रखते हुए तीसरी मंजिल पर काम करने के लिए बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के ही ईंटों और सीमेंट का काम शुरु कर दिया. जब एसी के काम के लिए मजदूर को अहमदाबाद स्थित कंपनी (Yes bank के खाता क्रमांक 131763 7000 00026 से इस काम के लिए एडवांस दिया गया था) ने छह जनवरी को भेजा तो दीवार के एक हिस्से के साथ ही वह मजदूर तीसरी मंजिल से जमीन पर आ गिरा. तीसरी मंजिल से गिरने के बावजूद इस व्यक्ति का बच जाना आश्चर्य का विषय तो रहा लेकिन उसे गंभीर चोटें आईं और मल्टीपल फ्रैक्चर हो हो गए. उसे इतने फ्रैक्चर हो गए कि वह अगले एक साल तक शायद ही कोई काम कर सके. पीएससी ने पूरे मामले से पल्ला झाड़ते हुए न तो मजदूर की कोई सुध ली और न ही उसे कोई उपचार उपलब्ध कराने के बारे में सोचा, जिस ठेकेदार के पास सिविल का काम था और जिस पर इस मामले की जिम्मेदारी थी उसने भी इस दुर्घटना से दूरी बना ली. मामले में जब कोई सामने नहीं आया. एयर कंडीशनर का काम लेने वाले ठेकेदार ने एफआईआर की बात आने पर बात बिगड़ जाने का डर दिखा कर मजदूर को बहलाने फुसलाने का प्रयास किया. कुछ रुपए घायल के पास पहुंचा कर उसे चुप रहने की धमकी भी दी गई. घायल के परिजनों ने जब स्थिति समझाते हुए बताया कि घर के अकेले कमाने वाले के इस हालत में पहुंच जाने से पूरे परिवार पर भयंकर संकट आ खड़ा हुआ है और अब डॉक्टरों का कहना है कि वह कम से कम अगले एक साल कोई काम नहीं कर सकेगा तो ठेकेदार की तरफ से अलग अलग जगहों से धमकी दिलाई जाने लगी है.
बताया जा रहा है कि एयर कंडीशनर की ठेकेदार कंपनी अहमदाबाद की है और यहां इंदौर में उसके प्रतिनिधि ने केवल शाह और धूमल शाह नामक किसी व्यक्ति को कंपनी का मालिक बताया है. उनकी ओर से दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति के घर जाकर कुछ लोगों ने घायल और उसके परिजन को धमकी दी कि अब अपना मुंह बंद रखने में ही भलाई है नहीं तो तुम्हारे विरुद्ध ही 5-6 एफआईआर करा दी जाएंगी. घायल के परिजनों के सामने संकट यह है कि वे गंभीर रुप से घायल को देखें, अस्पताल में उसकी देखभाल करें, ईलाज के पैसे की चिंता करें या इन धमकीबाजों से निपटें. यदि कायदों को देखें तो इस बात पर ही बड़ी कार्रवाई ठेकेदार पर बनती है कि उसने इतनी ऊंचाई पर सिविल और एयर कंडीशनर का काम करवाने के लिए हुए सुरक्षा जाली तक लगाना क्यों उचित नहीं समझा लेकिन पीएससी वाले भी अपने कैंपस में हुई इस घटना को दबाने की कोशिश के चलते जिम्मेदार ठेकेदार का ही साथ देने में लगे हुए हैं. घटना को पंद्रह दिन से ज्यदा हो होने आए हैं लेकिन एमपीपीएससी से लेकर ठेकेदार तक सभी पूरे प्रयास में जुटे हैं कि लीपापोती हो जाए और घटना किसी को पता भी न चल सके.