Madhya Pradesh Congress और जीतू पटवारी चाहते क्या हैं?
कांग्रेस ने यूं तो पूरे देश में ही चुनाव से पहले हर स्तर पर फजीहत करा रखी है लेकिन मध्यप्रदेश में तो मानो तय कर लिया गया है कि किसी कांग्रेसी को संतुष्ट नहीं रहने दिया जाएगा. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी आज इंदौर में काफी समय बाद थे और प्रत्याशी घोषसित होने के बाद तो पहले ही बड़े कार्यक्रम में थे लेकिन एक ही दिन में उन्होंने कई कांग्रेसियों को खफा कर डाला. साक्षी शुक्ला को शहर महिला कांग्रेस के पद से हटाने को लेकर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कृपा शंकर शुक्ला और खुद साक्षी की नाराजी का तो आलम चल ही रहा था, इसी बीच जीतू पटवारी ने समर्पण भाव से काम करने वाले नीलाभ शुक्ला को डिमोशन का पत्र पहुंचा दिया, इसका नीलाभ ने तुरंत जवाब दिया और नया पद संभालने से मना कर दिया. अब बारी थी कांग्रेस के इंदौर प्रत्याशी अक्षय कांति बम की, जिन्हें टिकट जीतू ने दिलाया या यूं कहें कि अपनी जान बचाकर उन्हें फंसाया. बम इसी बात में खुश थे कि उन्हें जीतू का खास माना जाता है और कांग्रेस का लोकसभा प्रत्याशी होने के चलते उन्हें इंदौर का बड़ा नेता होने का तमगा तो यूं ही मिल गया लेकिन बम के साथ भी जीतू ने चोट कर दी और बिलकुल हवाई तरीके से आकर फटाफट निकल भी गए, जबकि अक्षय उम्मीद लगाए बैठे थे कि फॉर्म भरने जब वे कलेक्टर ऑफिस में होंगे तो जीतू भाई अपना पेन देंगे लेकिन वहां जीतू मौजूद ही नहीं थे. यहां जीतू ने एक और कांड कर डाला जिसे लेकर भाजपा हमलावर हो गई है और यह ठीक वही मामला है जो एक दशक तक कैलाश विजयवर्गीय का पीछा करता रहा यानी चुनाव आचार संहिता के बीच पैसे बांटने का मामला. जितने थोड़े समय जीतू यहां रहे उसमें भी उन्होंने कांग्रेसियों के बीच दो फाड् करने में कोई कसर नहीं रखी और उन्होंने अक्षय के लिए कहा कि इन्होंने कभी शराब का कारोबार नहीं किया या ऐसा कोई कारोबार नहीं किया जो समाज में बुरा माना जाता हो. जीतू पटवारी के निशाने पर सुरजीत थे और यह बात किसी से छुपी नहीं है कि वे किस कारोबार में हैं. इस तरह जीतू पटवाारी ने इंदौर के अपने हवाई दौरे के जरा से समय में इंदौर की कांग्रेस के कई नामों को असंतुष्ट किया जबकि अब कांग्रेस में गिनती के ही नाम बचे हैं क्योंकि संजय शुक्ला से लेकर अंतर सिंह दरबार तक के कई नाम तो अब भाजपा में चमक रहे हैं