Facial Deformity को लेकर डॉक्टर भार्गव की बड़ी सफलता
डॉ. अनुराग भार्गव द्वारा जटिल फेशियल डिफॉर्मिटी की सफल सर्जरी
जाने-माने मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ. अनुराग भार्गव और उनकी टीम ने फेशियल डिफॉर्मिटी पर एक बड़ी सफलता अपने नाम की है. उन्होंने फेशियल सर्जिकल क्लिनिक में डेवलपमेंटल फेशियल डिफॉर्मिटी के एक जटिल सर्जरी कर लगभग पूरा जबड़ा ही नया बनाया है. संभवतः यह मध्य भारत की पहली इतनी बड़ी फेशियल डिफॉर्मिटी की ऐसी सर्जरी है.
डॉक्टर भार्गव के अनुसार इस मरीज को बचपन में गिरने से चोट लगी थी, जिसके कारण उसके जबड़े के दोनों जोड़ खराब हो गए थे और उसका मुंह नहीं खुल पाता था. 26 वर्षीय का चेहरा सामान्य आकार में नहीं था जिसके चलते उसको खाना खाने, चबाने में भी दिक्कतें आ रही थीं, जिसके कारण उसके शरीर की वृद्धि नहीं हो पा रही थी, वजन नहीं बढ़ पा रहा था, तो ऐसे में प्लान करके सर्जरी करने का एकमात्र विकल्प था.
मैक्सिलोफेशियल सर्जन, वी वन हॉस्पिटल के संस्थापक निदेशक डॉ. अनुराग भार्गव ने इस सफलता के बारे में कहा –“यह सर्जरी मेरे लिए बेहद संतोषजनक रही है. हमने मरीज के चेहरे को सामान्य आकार में लाकर उसे स्वस्थ जीवन जीने के लिए सक्षम बनाया है.
अत्याधुनिक डिजिटल टेक्निक का इस्तेमाल करते हुए सबसे पहले इस पेशेंट के जबड़ों को (पेशेंट स्पिसिफिक टेंपोरो मेंडिब्यूलर जॉइंट्स) को चेन्नई से बनवा कर मँगवाया गया. इसके बाद सिम्यूलेशन तकनीक की मदद से सर्जरी की प्रैक्टिस, थ्री डी मॉडल्स बनवाकर उनपर सर्जरी की गई और पूरी तरह भरोसा हो जाने के बाद मरीज का ऑपरेशन किया गया.
ऑर्थोडॉन्टिस्ट डॉ. मधुर नवलानी ने मरीज के दांतों को दोबारा अपनी जगह पर लाने का काम बखूबी किया और अब अगले कुछ महीनों तक वे इस मरीज के दांतों पर लगातार काम कर उसे एकदम सामान्य स्थिति में लाने का प्रयास करेंगे. डॉ नवलानी के अनुसार यह काम बहुत धैर्य और स्किल के साथ करना होता है और जब इसके परिणाम अपेक्षा के अनुरूप मिलते हैं, तो अपने इतने वर्षों की मेहनत सफल होती लगती है.
डॉ भार्गव के अनुसार इस तरह की सर्जरी में कुशल होने के साथ – साथ सर्जन के जीवन भर की ट्रेनिंग काम में आती है और एक – एक स्टेप बहुत सावधानी से ली जाती है. दोनों जोड़ों को फिक्स करने, जबड़ों को सही पोज़िशन पर लेकर आने और एक प्रकार से पूरा चेहरा नया करने की इस पूरी प्रक्रिया में 7 से 8 घंटे का समय लगा. मुझे संतुष्टि इस बात की भी है कि पेशेंट पूरी तरह से स्वस्थ है, और जल्द ही सामान्य जीवन जीने लगेगा. आने वाले दिनों में मरीज बिना किसी परेशानी के खाना चबा कर खा सकेगा, जिस से अब उसका शरीर स्वस्थ तरीके से विकसित होगा और उसके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी.