बायोसाइंस छात्रों ने सीखी सस्टेनेबल जीवन शैली
जिम्मी मगिलिगन सेंटर पर सॉफ्टविजन कॉलेज के छात्रों ने जानी और करीब से समझी प्रकृति के साथ चलने की विधि
सॉफ्टविजन कॉलेज के बायोसाइंस के छात्रों ने सस्टेनेबल जीवन शैली सीखने व अनुभव लेने के लिए जिम्मी मेलिगिगन सेंटर का दौरा किया. जीवन शैली और सामुदायिक सशक्तिकरण को नई दिशा दे रही हैं . पिछले चार दशकों से पर्यावरण संरक्षण, ग्रामीण महिला उत्थान व सोलर के लिए काम कर रही जनक पलटा यानी जनक दीदी ने छात्रों को बताया कि वैश्विक पर्यावरणीय चुनौतियों के चलते भूमि, जल और आकाश प्रदूषित न हों प्रेरणा मिली कि जैव विविधता बचाने और सस्टेनेबल जीवन अपनाने को ही आज की बड़ी जरुरत माना जाना चाहिए. यह ऐसी संतुलित और सम्मानजनक जीवन शैली है जो किसी व्यक्ति या समाज के पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधनों और व्यक्तिगत संसाधनों के उपयोग को कम करने का प्रयास करती है. विश्व पर्यावरण दिवस पर एक सप्ताह तक चलने वाले पर्यावरणीय संवाद कार्यक्रम के अलावा सेंटर पर चलने वाले साल भर के कार्य्रकमों के बारे में भी छात्रों ने जाना. वृक्षारोपण, प्लास्टिक का कम उपयोग, जैविक खेती को प्रोत्साहन और कॉलेज परिसरों में शून्य कचरा बनाना सेंटर का मिशन है और हम इसे चुनौती मानकर इससे निपटने की प्रेरणा देने की कोशिश में हैं. उन्होंने छात्रों से कहा कि जीवन जीने के तरीके अपनी जरूरत और पृथ्वी पर अपने कदमों के निशान सभी को और अधिक जिम्मेदारी और संसाधन संवेदनशीलता के साथ पुनः विचार करें. बायोसाइंस विभाग प्रमुख डॉ. ऋचा पाठक ने छात्रों की ओर से सेंटर की गतिविधियों को समझाने और सस्टेनेबल को करीब से जानने का अनुभव देने के लिए जनक पलटा को धन्यवाद प्रेषित किया.