April 19, 2025
इंदौर

जिम्मी मगिलिगन सेंटर पर होली के केमिकल फ्री रंग बनाने का प्रशिक्षण

सिखाया जाएगा कि परंपरागत तरीकों और प्राकृतिक चीजों से कैसे बना सकते हैं होली के लिए रंग
पिछले चौदह सालों की ही तरह इस बार भी होली महोत्सव मनाने के लिए जिम्मी एंड जनक मगिलिगन फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट में होली के लिए केमिकल फ्री और प्राकृतिक तरीकों से रंग बनाने का प्रशिक्षण देने की शुरुआत हुई. सात मार्च से 12 मार्च 2025 तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रकृति से सीधे मिलने वाले पोई, टेसू, अम्बाड़ी, गुलाब की पत्तियों, संतरे के छिलके जैसी चीजों के साथ रंग बनाने के तरीके बताए जाएंगे. इस गतिविधि का मुख्य उद्देश्य लोगों को जैविक, इकोफ्रेंडली, सुरक्षित और स्वस्थ तरीके से होली खेलने के लिए प्रेरित करना है जिसमें नुकसान करने वाले केमिकल आदि वाले रंगों का इस्तेमाल न किया जाए.
जिम्मी मगिलिगन सेंटर पर प्रतिदिन इस पांच दिनी प्रशिक्षण शिविर में 9.30 से 12.30 बजे तक सेंटर की निदेशक डॉ. जनक पलटा मगिलिगन सोलर कुकर की सहायता से एवं अन्य प्राकृतिक तरीकों से पोई, टेसू(पलाश), गुलाब, गेंदे, बोगनविलिया, हरे पत्तों से रंग बनाने का प्रशिक्षण देंगी. इस सप्ताह के दौरान डीएवीवी, श्री वैष्णव इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट & सांईस, सेंट पॉल इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, पटेल ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशंस सहित अन्य कई शिक्षण संस्थाओं के छात्र भी इसमें भाग लेंगे. इसमें परंपरागत तरीकों से रंग बनाने की विधि समझाने और समझने के लिए कई ग्रामीण भी शामिल होंगे.