April 19, 2025
भोपाल

Workshop में छात्रों ने सीखी लिप्पन कला की बारीकियां

सैफ़िया साइंस कॉलेज में सजे लिप्पन कला के रूपांकन
सैफ़िया साइंस कॉलेज में 27 फरवरी को विद्यार्थियों के लिए विशेष वर्कशॉप आयोजित की. उद्यमिता विकास के लिए की गई इस एक दिवसीय वर्कशॉप में लिप्पन कला को छात्रों तक पहुंचाने का उद्देश्य रखा गया था. पिडिलाइट इंडस्ट्रीज़ के फैविक्रिल ब्रांड की तरफ से छात्रों ने रंग संयोजन एवं लिप्पन आर्ट सीखा. ज्ञातव्य है कि लिप्पन कला गुजरात की पारम्परिक प्रादेशिक भित्ति कला है जो सामान्यतः मिट्टी और शीशों के इस्तेमाल से खड़िया मिट्टी के सफ़ेद रंग के माध्यम से ही बनाई जाती है, यह कला मुख्यरूप से गुजरात के कच्छ और सिंध जैसे गर्म इलाकों में बनाई जाती है जिससे कि दीवारों को प्राकृतिक रूप से ठंडा रखा जा सके. इस कला में कलाकार मोर, ऊँट, हाथी, आम के पेड़ जैसे रूपांकन अंकित करते हैं.

इस आयोजन में फ़ेविक्रिल की ओर से बतौर विषय विशेषज्ञ श्रीमति माला खरे थीं. जो एक कुशल चित्रकार, रूपांकन कला में पारंगत और लीपन आर्ट में दक्ष थीं. लगभंग तीस से अधिक छात्र छात्राओं ने लिप्पन कला शिविर में भाग लेकर दक्षता हासिल की. विद्यार्थियों ने अपने अपने पसंद की आकृति के प्लायवुड के टुकड़े लिए, उस पर मोल्डेड क्ले एवं हार्डनर बेस मिलाकर उन्हें रोल कर उन पर सफ़ेद रंग से रोगन किया तथा उस पर नंन्हे नन्हे दर्पण के टुकड़े चिपका कर उनसे आकर्षक सज्जा की. क्ले तथा हार्डनर के साथ साथ फैविक्रील पेस्टल रंगों का इस्तेमाल किया गया, विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक इस’ वर्कशॉप में भाग लिया तथा कई सुन्दर आकृतियां सजाई. श्रीमती खरे ने लिप्पन आर्ट के साथ साथ रंग संतुलन के सिद्धांत भी समझाए.

महाविद्द्यालय के सेक्रेटरी महोदय श्री ज़ैनुद्दीन शाह भी इस वर्कशॉप में मौजूद थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. मिन्हाल हैदर, विभागाध्यक्ष वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग द्वारा की गई. इस अवसर पर महाविद्यालय के अन्य विभागों के फैकल्टी मेंबर भी मौजूद थे. वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के सौजन्य से आयोजित इस एक दिवसीय वर्कशॉप का सभी ने भरपूर आनंद लिया. धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय प्राचार्य, डॉ. श्रीमती रिज़वाना जमाल द्वारा किया गया.