‘Gulabi akshar’ कविता पाठ व कविता पर चर्चा
स्मृति आदित्य का कविता पाठ और कविता पर चर्चा
कवियित्री स्मृति आदित्य के नए आए काव्य संग्रह ‘हथेलियों पर गुलाबी अक्षर’ की कविताओं का पाठ और इन कविताओं पर चर्चा का कार्यक्रम पंचकन्या वेलफेयर ट्रस्ट के तत्वाधान में संपन्न हुआ.कार्यक्रम में मौजूद सुधी श्रोताओं के बीच स्मृति आदित्य ने अपनी चुनिंदा कविताओं का पाठ किया और उनकी पृष्ठभूमि के बारे में भी बताया.अपने पहले काव्य संगह को लेकर स्मृति ने कहा कि कविताएं बचपन से लिखते रहने के बावजूद कविता संग्रह अब आ पाया क्योंकि पत्रकारिता और कविताओं की दुनिया के बीच एक होड़ सी लगी होती थाी और इसमें पत्रकारिता हमेशा ज्यादा समय ले जाती रही. मां के प्रति समर्पण और मां के आशीष से किताब की शुरुआत की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि मां की शुभकामनाओं से ही किताब भी संभव हो पाई और आज जहां मैं हूं वह जगह भी उन्हीं की देन है. कविता पर चर्चा करते हुए ज्योति जैन ने कहा कि स्मृति की कविताओं से गुजरना ठीक वैसा ही है जैसे आप रजनीगंधा के एक झोंके से निकले हों और आगे स्वर्ण चंपा की अगली गंध आपका इंतजार कर रही हो.
उन्होंने स्मृति की कविताओं को दिल से निकल कर सीधे दिल तक पहुंचने की श्रेणी वाली कविता बताते हुए कहा कि प्रेम के रस में डूबी कवितओं के बीच आपको विद्रोह के स्वर भी मिलते रहेंगे और जीवन की जटिलताओं के संकेत भी मिलेंगे लेकिन कहीं भी प्रेम का रस खंडित नहीं होता. स्मृति की रचनाएं हमारी और आपकी भावनाओं का आईना हैं. स्मृति के इस्तेमाल किए हुए बिंब भी बिलकुल सहजता से कविता में चले आते हैं और दिल को स्पर्श कर निकलते हुए प्रतीत होते हैं. पंचकन्या वेलफेयर ट्रस्ट की ओर से सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए डॉ. समीक्षा नायक ने कहा कि इतनी धूप में इन कविताओं की ठंडक और इनके प्रति आप सभी का प्यार बेहद खास है. कार्यक्रम में सीमा व्यास, अंजना सक्सेना, पूर्णिमा भारद्वाज, निरुपमा वर्मा, प्रतिभा शाह, अनुराधा शर्मा, अमर चड्ढा, मंजू मिश्रा, पाहुनी भारद्वाज, संध्या गंगराडे, संगीता परमार, मनदीप कौर और माही सहित कई साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे.