April 19, 2025
साहित्य समाचार

वामा साहित्य मंच ने रंगारंग आयोजन के साथ मनाया स्थापना दिवस

  • वामा साहित्य मंच ने मनाया अपना स्थापना दिवस, देश मेरा रंगीला पर दी मनभावन प्रस्तुति
  • नई कार्यकारिणी गठित, ज्योति जैन अध्यक्ष और स्मृति आदित्य सचिव होंगी

-शहर की जानी मानी साहित्यिक संस्था वामा साहित्य मंच 5 जनवरी 2017 से अस्तित्व में आई और तब से लेकर अब तक कई आयोजनों को सम्पन्न कर साहित्य के क्षेत्र में सशक्त नाम बनकर उभरी हैं. 5 जनवरी 2025 को वामा ने अपना स्थापना दिवस, शपथ विधि और रंगारंग कार्यक्रम के साथ नई कार्यकारिणी का गठन किया.

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल श्रीमती ज्योति छाजेड़ (डायरेक्टर, श्री कंवरतारा शैक्षणिक संस्थान,मंडलेश्वर) ने कहा कि वामा साहित्य मंच इंदौर के साहित्य पटल पर एक ऐसा मंच जो प्रतिभाशाली नारियों को साहित्य सृजन के लिए प्रेरित करता है. अपने लेखन से धरती से अंबर तक को रचने वाली “मानवी” सिर्फ गृहिणी ही नहीं होती वह होती है ,उस अद्वितीय ‘मेघा’ की धनी,जिससे साहित्यकार का नाम आहूत होता है। वामा साहित्य मंच प्रगति के कदम बढ़ाकर क्षितिज का गौरव बनेगा यही मेरे दिल की आवाज है और मंगल आकांक्षा भी…

निवर्तमान अध्यक्ष इंदु पाराशर ने नवनियुक्त अध्यक्ष ज्योति जैन को पद भार सौंपा. अध्यक्ष ज्योति जैन ने नई कार्यकारिणी की घोषणा की. पूर्व सचिव डॉ.शोभा प्रजापति ने सचिव स्मृति आदित्य को अपना दायित्व हस्तांतरित किया.आयोजन के पहले हिस्से में शपथ विधि हुई और दूसरे हिस्से में सांस्कृतिक कार्यक्रम देश रंगीला की प्रस्तुति दी गई.

पहले भाग में हुई शपथ विधि में सद्स्यों ने पद की गोपनीयता के साथ एक शपथ और ली कि विश्व में पैर पसार रही अशांति और अराजकता को देखते हुए देश की एकता व अखंडता को हम अक्षुण्ण रखेंगे।

अध्यक्ष के रूप में ज्योति जैन ने कहा कि जिस तरह से बिखरी हुई बुंदी लड्डू बनकर मिठास देती है उसी तरह मंच की हर सद्स्यों की भाषा और बोली का हम सम्मान करते हुए हम प्रतीकात्मक रूप से देश की एकता के प्रति आदर व्यक्त करते हैं. सदस्यों को साथ में लेकर चलने की परम्परा का वामा ने निर्वहन किया है. नए कार्यकाल में भी इसे जारी रखेंगे. आगे बढ़ने की त्वरा में अपनी जड़ों को नहीं भूलेंगे…

सचिव स्मृति आदित्य ने कहा कि साहित्यिक मूल्यों और प्रतिष्ठा को बनाए रखते हुए आगे बढ़ना चुनौतीपूर्ण होता है और वामा ने कुशलतापूर्वक निभाया है. आगे भी इसका ध्यान रखेंगे और नवाचार को बढ़ावा देंगे.

मंच में शामिल सद्स्यों ने अपनी भाषा-बोली जैसे मालवी,निमाड़ी,भोजपुरी,अवधी,बुंदेलखंडी, मराठी,राजस्थानी पंजाबी,मलयालम,गढ़वाली,बांगला,सिंधी,गुजराती आदि में लोकगीत व अन्य प्रस्तुतियों से समां बांध दिया.

गुजराती गीत के साथ संगीता परमार ने संचालन की शुरुआत की फिर मालवी समूह लोकगीत-शारदा मंडलोई, पुष्पा दसोंधी, सरला मेहता, आशा मुंशी, करुणा प्रजापति, गायत्री मेहता, आशा शर्मा(बोल…म्हारो प्यारो भारत देश) अवधी/बनारसी गीत- अंजना चक्रपाणि मिश्रा(बोल …चेतिया में गवनवा कराई दे हो रामा) बुंदेली हास्य नाटिका-रश्मि चौधरी, प्रीति दुबे,संस्कृत गीत
-कुसुम मेढ़,मराठी लोकगीत–वैजयंती दाते,वंदना पुणतांबेकर, स्नेहा काले, सुजाता देशपांडे, छाया मुंशी, माधवी तारे,वसुधा गाडगिल अर्चना पंडित, अमिता मराठे,सुषमा मोघे (भूलाबाई ची गाणी),निमाड़ी लोकगीत-विद्यावती पाराशर, ममता शर्मा (बोल-वीरपस आई मख हेर क्यों नहीं बुलाई म्हारा वी), पंजाबी लोकगीत- -कविता अर्गल, अवंती श्रीवास्तव, आशीष कौर होरा
(गिद्दा बोलियां) राजस्थानी-आशा मान्धन्या,लघु नुक्कड़ नाटिका(हिंदी)-अनिता जोशी, प्रतिभा शाह, केरल का मलयाली लोकनृत्य तिरुवातिरा-स्मिता नायर,भोजपुरी लोकगीत-दामिनी ठाकुर(बोल-झुकी झुकी नमन करेला दुनिया बारम्बार),मालवी कविता-माधुरी निगम,निमाड़ी गीत- शालिनी बडोले ने प्रस्तुति दी.

कार्यक्रम में सरस्वती वंदना वाणी जोशी ने प्रस्तुत की, शपथ विधि समारोह का संचालन डॉ.गरिमा संजय दुबे ने तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन संगीता परमार ने किया. आभार उपाध्यक्ष वैजयंती दाते और डॉ.अंजना चक्रपाणि मिश्र ने माना.