श्रावण सोलह सोमवार पर कविता: पति मिले शिव शंकर जैसा
–विभा जैन (ओजस)
-आ गया है श्रावण मास ,धर्म कर पुण्य की जागी है आस।
आज है सावन का पहला सोमवार, भोले बाबा का मंदिर है पास।।
सोलह श्रृंगार कर,सोलह सोमवार करेंगे हम।
सासू मां और ननद रानी चलते हैं मंदिर खास।।
होगी मनोकामना पूर्ण, कुमारियां और सुहागिन करती है व्रत सदा।
माहा कालेश्वर महादेव मंदिर का दृश्य है मनोरम फूल खिले अमलतास।।
सुंदर सा फोटो खिंचवाने बैठीं सहेलियां आज।
हिरण कर रहें विचरण, देखों! सजन आस- पास।
पूजन का थाल सजाऊं, अभिषेक कर आरतियां गाऊं।
सखियां आएंगी मेरी ननद रानी और मेरी प्यारी सास।।
मन ही मन शिव शंकर और गौरा जैसा प्यार है चाहूं।
पुष्प कमल का कर अर्पित प्रसाद चढ़ाऊं मैं अन्नानास।।
हो कबूल मेरी प्रार्थना,पति मिले शिव शंकर जैसा।
करें प्यार मुझे चारों पहर, सखियां कहें देवदास।।
स्वर्ग सा सुंदर हो मेरा ससुराल, रिश्तों में हो प्यार।
रिश्ते सजाऊंगी, नहीं करूंगी किसीको उदास।।
वन उपवन की सैर करूं मैं,सैंया जी के साथ।
महुब्बत परवान चढ़े,सावन सोमवार कर ,मैं करूं अथक प्रयास।।
मीत मिलें मन का सारी लड़कियां करती परिहास।
जीवन में हो सारी खुशियां मन मंदिर की बुझें प्यास।।

विभा जैन (ओजस)
इंदौर (मध्यप्रदेश)