Sindhu लिपि डिकोड कर दी, लाओ साढ़े आठ करोड़ का ईनाम
तमिलनाडु के सीएम ने कहा था इस लिपि के डिकोड करने वाले को देंगे एक मिलियन डॉलर
सिंधु लिपि को डिकोड करने का दावा करते हुए दमोह के रामशंकर चौबे ने तमिलनाडु के सीएम से अब ईनामी राशि देने को कहा है. दरअसल तमिलनाडु सीएम ने घोषणा की थी कि जो भी सिंधु लिपि को डिकोड करेगा उसे एक मिलियन डॉलर यानी साढ़े आठ करोड़ रुपए दिए जाएंगे. चौबे ने अपनी लिखी एक किताब स्टालिन को भेजते हुए कहा है कि उन्होंने सिंधु लिपि पर 15 साल काम करने के बाद इसे लिखा है और इस किताब से साफ है कि मैंने पूरी अनसुलझी रही लिपि वाले मामले को सुलझा लिया है. चौबे एक्जीक्यूटिव इंजीनियर के पद से रिटायर हुए हैं और उन्होंने शोध पुस्तक ‘सिंधु लिपि है हिन्दी लिपि’ लिखते हुए इस जटिल लिपि की पूरी जानकारी का जिक्र कर डाला है. 518 पेज की यह किताब उन्होंने स्टालिन और तमिलनाड़ पुरातत्व विभाग को भेज कर कहा है कि अब ईनाम का वाद पूरा किया जाना चाहिए.
सिंधु घाटी से खुदाई में मिली वस्तुओं, चिन्हों, ठप्पों और मुद्राओं पर जो अंकित लिपि को पढ़ने और उस पर किताब लिखने के लिए चौबे को नारोष्ठी, ग्राम्यही, देवनागरी, इजिप्शियन, पयूरक, अरेगम जैसी लिपियों के बारे में भी समझना पड़ा. रामशंकर चौबे ने सिंधु लिपि की वर्णमाला तैयार कर कोड समझे. चौबे मानते हैं कि यह सभ्यता महाभारत कालीन या उससे भी पहले की रही होगी.
उनका कहना है कि वर्णमाला, नंबरों के मिलान, सारणीकरण की मदद से इस भाषा को समझने में सफलता मिली है. सिंधु लिपि को वे संस्कृत से भी पुरानी मानते हैं. चौबे का दावा है कि राम, कृष्ण, गणेश, शिव, आदि का भी उल्लेख इन ठप्पों और मुद्राओं पर मिलता है.