June 21, 2025
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श्रीगणेश और वास्तु का क्या है कनेक्शन?

गजानन दूर करेंगे हर संकट, लेकिन न करें उनकी पीठ के दर्शन

-भगवान श्री गणेश की आराधना के बिना वास्तु देवता की उपासना भी अपूर्ण मानी जाती है। वास्तु शास्त्र में भगवान श्रीगणेश की कृपा पाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। भगवान श्रीगणेश बुद्धि प्रदान करने वाले हैं। कोई भी शुभ कार्य उनकी पूजा के बिना पूर्ण नहीं होता। उनकी कृपा से समस्त वास्तु दोष दूर हो जाते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से…

भगवान श्रीगणेश जी को नमन करते समय मुख सदा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।

श्रीगणेशजी की पीठ के दर्शन कभी न करें।

सामने से ही सदैव उनके दर्शन करें। या फिर दाएं या बाएं से दर्शन किए जा सकते हैं।

माना जाता है कि श्रीगणेश की पीठ के दर्शन करने से दरिद्रता का प्रभाव हो सकता है।

घर में श्रीगणेश की बहुत सारी मूर्तियां न रखें।

पूजा स्थान पर एक साथ श्रीगणेश की 3 मूर्तियां कभी न रखें।

पीले वर्ण के गणपति सर्वोत्तम माने जाते हैं।

श्रीगणेश को कभी तुलसी दल अर्पित न करें।

बच्चों के कमरे में उनकी मूर्ति लगाएं।

शयन कक्ष में भगवान की मूर्ति न रखें और श्रीगणेश जी की तो कभी नहीं।

घर में सकारात्मक ऊर्जा के लिए आम, पीपल एवं नीम से बने श्रीगणेश की मूर्ति लगाएं। इसे हमेशा घर के मुख्य द्वार पर लगाएं।

घर में श्रीगणेश की वही मूर्ति स्थापित करें, जिसमें उनकी सूंड बाईं ओर हो।

कार्यस्थल पर खड़े हुई मुद्रा में श्रीगणेश का चित्र लगाना चाहिए। उनके दोनों पैर जमीन का स्पर्श करते हुए हों।

इससे कार्यक्षेत्र में स्थिरता आती है।

घर में सदैव बैठे हुए श्रीगणेश की मूर्ति रखना चाहिए। इससे परिवार में सुख शांति आती है।