Real Madrid से विदा हुआ सफलतम और बेहतरीन मैनेजर
ग्रासियस डॉन कार्लो:
- स्वाति शैवाल
मई के आखिरी हफ्ते में जब स्पेनिश लीग, ला लीगा के मैच के लिए रियल मैड्रिड का होमग्राउंड बेरनावेयू स्टेडियम (स्पेन) हजारों दर्शकों से भरा था… फुटबॉल मैच की जीतने और हारने वाली टीमों के शरीर से बह रहा पसीना उनकी मेहनत की कहानी कह रहा था… ठीक हर एक मैच की तरह एक टीम हारी थी, एक टीम जीती थी… और जीतने वाली टीम के खिलाड़ियों की आँखें नम थीं लेकिन यह आंसू खुशी से ज्यादा बिछोह के थे। कारण, रियल मैड्रिड का असली डॉन, यानी 65 वर्षीय टीम कोच और मैनेजर कार्लो एंचलोटी तथा बैलेंडियोर और गोल्डन बॉल जीत चुके क्लब के 39 वर्षीय सफलतम सेंट्रल मिडफील्डर लुका मॉद्रिच, क्लब से विदाई ले रहे थे। 13 सालों के शानदार सफर के बाद क्लब से मॉद्रिच का जाना एक सहज परिवर्तन था जबकि कार्लो एंचलोटी की विदाई एक निराशाजनक सीजन के परिणाम के रूप में हुई। लेकिन कार्लो ने क्लब के लिए क्या किया और कार्लो क्या हैं, यह दर्शकों की भीड़ में लगे ग्रासियस कार्लो, अर्थात धन्यवाद कार्लो के बैनर्स से साफ दिखाई दे गया।
कार्लो की विदाई
फुटबॉल के अंतरराष्ट्रीय इवेंट्स में इस सीजन ला लीगा से लेकर यूसीएल और कोपा डेलरे आदि में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद स्पेनिश फुटबॉल क्लब रियल मैड्रिड के खिलाड़ियों और दर्शकों में जीत न पाने के दुख के साथ एक और दुख जुड़ गया। यह दुख है अब तक रियल मैड्रिड को कई सारे इवेंट्स में जीत दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले क्लब मैनेजर और कोच कार्लो एंचलोटी की विदाई। यूं क्लब्स या देशों की टीम से पुराने कोच या मैनेजर का जाना और नए का शामिल होना कोई नई बात नहीं लेकिन जिस तरह कार्लो ने रियल मैड्रिड की सफलता की कहानी बुनी, उसके बाद उनकी कमी का खलना स्वाभाविक है। पिछले हफ्ते इस अद्वितीय क्षमता वाले मैनेजर के मार्गदर्शन में टीम ने आखिरी मैच खेला और 2-0 से जीत हासिल करते हुए कार्लो को एक यादगार फेयरवेल भी दिया। इस आखिरी मैच के दोनों गोल्स किलियन एम्बापे के नाम थे और यह इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि किलियन एम्बापे एंचलोटी के कार्यकाल में ही रियल मैड्रिड से जुड़े थे। बतौर कोच अब कार्लो ब्राजील की राष्ट्रीय टीम से जुड़ने जा रहे हैं।
मिडफील्डर खिलाड़ी और बेहतरीन मैनेजर
कार्लो एंचलोटी, रियल मैड्रिड फुटबॉल टीम का एक ऐसा मैनेजर जिसकी उपस्थिति में लुका मॉद्रिच जैसा हमेशा फील्ड में गंभीर रहने वाला प्लेयर भी बच्चों की तरह नटखट बन जाया करता, विश्व के बेहतरीन फुटबॉलर्स में से एक क्रिश्चियनों रोनाल्डो जिसके लिए कहते हैं कि, कार्लो एक ऐसा स्मार्ट बंदा है जिसको मालूम है कि खिलाड़ियों को मैनेज कैसे करना है। जिसको मालूम है कि खिलाड़ियों से कैसे ट्रीट करना है और एक खिलाड़ी के रूप में मेरे लिए यह बहुत मायने रखता है। वहीं कार्लो ने रोनाल्डो की प्रतिभा को अदभुत मानते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि जब वह गेम के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस अटैंड करते हैं तो उनके लिए सबसे मुश्किल यह होता है कि हर बार क्रिस्टियानो की खूबियां बताने वाले नए शब्द कहां से लाएं। कार्लो जिन्हें प्यार से स्पेन में डॉन कार्लो भी बुलाया जाता है। एक मिडफील्डर के तौर पर खेलते हुए उन्होंने इटली की राष्ट्रीय टीम का दो बार फीफा विश्व कप और एक बार यूरो कप में प्रतिनिधित्व किया। लेकिन उनको इससे ज्यादा सफलता क्लब के साथ बतौर कोच और मैनेजर खेलते हुए मिली।

तिरछी आइब्रो से जुड़ा फैंस का विश्वास
यह वही कार्लो एंचलोटी हैं जो खेल के दौरान जब एक आंख को विशेष अदा में सिकोड़कर, दूसरी आइब्रो को ऊपर ले जाकर तान लेते हैं तो रियल मैड्रिड के फैन मानते हैं कि अब गोल होने से कोई नहीं रोक सकता। अपनी मातृभाषा इटेलियन के अलावा कार्लो को स्पेनिश, फ्रेंच और अंग्रेजी भी आती है। यही कारण है रियल मैड्रिड के अलग अलग जगह के प्लेयर्स भी उनके साथ कम्फ़र्टेबल महसूस करते हैं।
एक मैनेजर के तौर पर कार्लो ने कई कीर्तिमान रचे हैं। इनमें एसी मिलान क्लब के साथ मैनेजर रहते हुए 2 बार चैंपियंस लीग और एक बार कोपा इटैलिया की ट्रॉफी अपने नाम की। इसके बाद एंचलोटी ने चेल्सी क्लब ज्वाइन किया और यहां भी पहले ही सीजन में प्रीमियर लीग और एफए कप, क्लब को दिलवाए। फिर पीएसजी क्लब ज्वाइन करने के बाद 19 वर्षों के सूखे को खत्म करते हुए क्लब को पहला लीग 1 टाइटल दिलवाया। इसके बाद एंचलोटी ने ज्वाइन किया रियल मैड्रिड और यहां उनके नेतृत्व में क्लब के खिलाड़ियों ने अपना दसवां चैंपियंस लीग खिताब जीता और साथ ही कोपा डेलरे भी अपने नाम किया। हालांकि बीच में कुछ समय के लिए रियल मैड्रिड ने उन्हें डिसमिस किया और इस बीच कार्लो ने बायर्न म्यूनिख क्लब ज्वाइन करके पहले ही सीजन में इस क्लब को बुंडसलीगा टाइटल जितवा दिया। 2021 में फिर से रियल मैड्रिड क्लब में आते ही कार्लो ने 2 ला लीगा और 2 चैंपियंस लीग क्लब के नाम करवा दी।
खिलाड़ियों को समझने वाले असली मैनेजर
एंचलोटी का मानना है कि ज्यादातर खिलाड़ियों को मोटिवेशन की जरूरत नहीं होती, बल्कि उन्हें शांत रखना जरूरी होता है। भावुक होने के साथ ही कार्लो का सेंस ऑफ ह्यूमर भी गजब है। उनकी यही खूबी उन्हें खिलाड़ियों से गहरे जोड़े रखती है। रियल मैड्रिड के एंटोनियो रुडीगर ने एक अनुभव साझा करते हुए कहा था कि मैड्रिड क्लब के लिए चुने जाने के थोड़े ही समय बाद, जब मुझे अपने नए घर में परिवार के साथ शिफ्ट हुए मात्र कुछ घंटे ही हुए थे। हम बार्बेक्यू की तैयारी में थे, अचानक दरवाजे पर दस्तक हुई। मैंने दरवाजा खोला और सामने कार्लो एंचलोटी खड़े थे। मैं आश्चर्यचकित हो गया। कार्लो घर आए, हमारे साथ खाना खाया और मेरे परिवार से मिले। वह करीब 2 घंटे साथ रहे और हम दोनों ने बहुत सारे बिंदुओं पर चर्चा की। रूडीगर के अनुसार, मैंने अपने जीवन में अब तक ऐसा कुछ अनुभव नहीं किया था। मेरे लिए ऐसा किसी कुछ ने नहीं किया था। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि खिलाड़ियों को मैनेज करने के मामले में कार्लो जैसा कोई नहीं।
भावुक और केयरिंग कार्लो की ब्लू फैमिली
2020 में कोरोना के दौरान जब पूरी दुनिया एक नए और अकस्मात खतरे से जूझ रही थी। दुनियाभर में लॉकडाउन की स्थिति थी। ज्यादातर गतिविधियां बंद थीं और लोग घरों में थे। तब कार्लो एंचलोटी ने एक अभियान शुरू किया जिसका नाम था- ब्लू फैमिली। उस समय कार्लो एवर्टन क्लब (इंग्लैंड) के साथ जुड़े हुए थे। उन्होंने अपने अभियान के अंतर्गत एवर्टन के गंभीर रूप से बीमार फैंस को वीडियो कॉल के जरिए खुद से संपर्क करने को कहा। वह लोगों से बात करते और उनका मनोबल बढ़ाते। इसी दौरान मार्क क्रूज नामक 52 वर्ष के एक एवर्टन फैन के साथ वह भावनात्मक रूप से जुड़ गए। मार्क ने शुरुआत में उन्हें आदर स्वरूप मिस्टर एंचलोटी कहकर संबोधित किया और बताया कि वह उनका बहुत बड़ा फैन है। एंचलोटी ने तुरंत धन्यवाद कहते हुए कहा कि वह उन्हें केवल कार्लो ही पुकारें क्योंकि इटेलियन व्यवहार के अनुसार मिस्टर शब्द का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति के लिए किया जाता है और वह (कार्लो) इतने भी महत्वपूर्ण नहीं हैं, वह तो केवल एक मैनेजर हैं। इस प्रथम परिचय ने एक फैन के मन में कार्लो के लिए और भी आदर भाव पैदा कर दिया। 2 साल बाद जब कार्लो को पता चला कि मार्क अब इस दुनिया में नहीं रहे तो उन्होंने तुरंत ट्विटर पर लिखा, मैं आज बहुत दुखी हूं क्योंकि मुझे पता चला कि मेरे एवर्टन फ्रेंड मार्क इस दुनिया से रुखसत हो गए हैं। लॉकडाउन के दौरान उनसे होने वाली बातचीत को मैं हमेशा याद रखूंगा। कहने को यह बहुत छोटा और सामान्य संदेश लग सकता है लेकिन यही वह भावना है जो कार्लो को को उनके फैंस से जोड़ती है और जब दुनियाभर के फुटबॉल फैंस अपने पसंदीदा खिलाड़ी के लिए दीवाने होते हैं, इस कुछ और मैनेजर के फैंस की बढ़ती संख्या बिना कहे यह जाहिर कर जाती है कि वह क्यों खास है।
जेम्स बॉन्ड और कूल डॉन कार्लो!
2008 में एसी मिलान ट्रेनिंग के लिए हेलीकॉप्टर में बैठकर जेम्स बॉन्ड स्टाइल में इंट्री मारने से लेकर डॉन स्टाइल में सिगार और चश्मे के साथ पोज देने तक कार्लो एंचलोटी की स्टाइल भी लोगों में हमेशा आनंददायक चर्चा का विषय रही। एसी मिलान से जुड़ते ही कार्लो युवा ब्राजीलियन खिलाड़ियों के लिए पिता की तरह हो गए थे। ऐसा ही एक खिलाड़ी था एलेक्शांड्रो पाटो, जिसका कोच कार्लो से एक विशेष स्नेही बंधन बन गया था। रियल मैड्रिड से जुड़ने के बाद क्लब के ला लीगा टाइटल जीतने के बाद कार्लो ने अपने रियल मैड्रिड खिलाड़ियों के साथ खुली छत वाली बस पर परेड निकाली तो उनकी चश्मा लगाकर सिगार पीते हुए एक तस्वीर बहुत फेमस हुई। इस तस्वीर में वह विनिशियस जूनियर, मिलिटा और रोड्रिगो के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। उस तस्वीर को देखने के बाद पाटो ने बताया कि कार्लो ऐसे ही कूल और स्टाइलिश हैं। जब वह पार्मा (इटली) में रहते थे तो एसी मिलान की ट्रेनिंग के लिए हेलीकॉप्टर से आ जाते थे, कारण यह कि उनकी पूर्व पत्नी को हेलिकॉप्टर उड़ाना आता था और कार्लो इस यात्रा का आनंद लेते हुए, हेलीकॉप्टर से ठीक जेम्स बॉन्ड की तरह उतरकर आते थे। कार्लो ने खिलाड़ियों को कोच से ज्यादा दोस्त की तरह ट्रीट किया और यही वजह रही कि जीत की खुशी में हाला मद्रीद गाते हुए खिलाड़ियों के साथ वह झूमकर नाचे भी और खुशी और उत्साह में उछलकर छोटे बच्चे की तरह गोद में चढ़ जाने वाले मॉद्रिच पर भी स्नेह लुटाया।
जीत के रिकॉर्ड
इंटरनेट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार कार्लो अकेले ऐसे मैनेजर हैं जिन्होंने यूरोप की सभी टॉप 5 लीग जर्मनी, इटली, स्पेन, इंग्लैंड और फ्रांस के टाइटल्स को जीता है और कोच या मैनेजर रहते हुए 3 बार फीफा वर्ल्ड कप तथा 5 बार यूईएफए सुपर कप पर विजय पाई है। यह किसी भी मैनेजर के नाम पर एक रिकॉर्ड है। इतना ही नहीं कार्लो एंचलोटी उन सात लोगों में से हैं जिन्होंने एक खिलाड़ी और मैनेजर दोनों भूमिकाओं में यूरोपियन कप या चैंपियंस लीग को जीतने में सफलता हासिल की है। रियल मैड्रिड के साथ अपने दो बार के कार्यकाल में कार्लो ने एक दर्जन से अधिक ट्रॉफी क्लब के नाम करवाने में भूमिका निभाई है।
ब्राज़ील की नेशनल टीम की थामी कमान
रियल मैड्रिड से विदा लेने के बाद कार्लो ने ब्राजील की नेशनल टीम की कमान हाथ में लेने का फैसला किया। जब उनसे इस बारे में सवाल किया गया तो जवाब ठीक कार्लो स्टाइल में ही मिला। उन्होंने कहा कि फुटबॉल में ब्राज़ील का एक शानदार इतिहास रहा है और अब फिर से उस इतिहास को दोहराने की इस चुनौती के लिए मैं पूरे उत्साह से तैयार हूं। कड़ी मेहनत और डेडीकेशन के साथ हम इस टीम को फिर से मजबूत बनाएंगे। कार्लो का यह विश्वास ब्राजील को वाकई फिर से सुनहरे दौर में ला खड़ा करने की क्षमता तो रखता है।
हालांकि रियल मैड्रिड क्लब के प्रेसिडेंट फ्लोरेंटीनो पेरेज़ जिन्हें भारतीय पापा पेरेज के नाम से भी जानते हैं, ने एंचलोटी को फॉरएवर पार्ट ऑफ रियल मैड्रिड फैमिली तो कहा लेकिन यह भी एक फैक्ट है कि इसी रियल मैड्रिड परिवार ने दूसरी बार एंचलोटी को उचित परिणाम न दिलवा पाने या कहिए क्लब के निराशाजनक प्रदर्शन के चलते विदाई दे दी।
लीग के आखिरी मैच में जीत के साथ कार्लो को विदा करते हुए खिलाड़ियों के साथ दर्शक भी भावुक हुए और 80 हजार दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम में लोगों ने उन्हें स्टैंडिंग ओवेशन देकर यह बता दिया कि क्यों 65 साल का यह मैनेजर सबके दिलों में जगह रखता है। विदा लेते हुए भरे गले और नम आंखों के साथ एंचलोटी ने कहा, मैं अत्यधिक प्रसन्नता और गर्व महसूस कर रहा हूं। यह एक यादगार पल है। मैं क्लब के फैंस के प्रेम के साथ ही एक ग्रेट क्लब का कोच होने का गर्व महसूस करते हुए और खुद एक रियल मैड्रिड फैन के रूप में विदाई ले रहा हूं। रियल मैड्रिड मेरे लिए एक घर, एक परिवार जैसा है। इस क्लब में एक्स्ट्राऑर्डिनरी प्लेयर्स हैं और आगे भी रहेंगे। मैं बहुत भावुक और संतुष्ट होकर विदा ले रहा हूं।