July 23, 2025
लाइफस्टाइल

MoonWalk ऑर्टेमिस 3 के लिए रेगिस्तान पर चल रही की प्रेक्टिस

अंतरिक्ष में जैसे काम करना है ठीक वैसा काम जमीन पर
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा 53 साल बाद चांद पर एस्ट्रोनॉट्स को भेजने वाले आर्टेमिस-3 मिशन पर लगी हुई है. इस मिशन के अंतर्गत सितंबर 2026 में 2 एस्ट्रोनॉट्स चांद पर उतरने वाले हैं, इस चंद मिशन के लिए एस्ट्रोनॉट्स की एरिजोना के वोल्कैनो फील्ड में सिमुलेशन टेस्टिंग चल रही है. यहां
एस्ट्रोनॉट्स को मूनवॉक की प्रैक्टिस करने के लिए अलग अलग सतहों पर चलना पड़ रहा है लेकिन इसमें सबसे कड़ी ट्रेनिंग रेतीले रेगिस्तान पर है. अंतरिक्ष यात्री इस ट्रेनिंग के दौरान स्पेससूट जैसे कपड़े पहन कर ही सारे काम करते हैं और इसी बीच सारे हार्डवेयर की जांच करते हैं. चांद की सतह से सैंपल कैसे इकट्ठा किए जाएंगे इस बात की भी प्रेक्टिस यहां की जा रही है.

दंग करने वाली है मिशन की लागत, 7,434 अरब रुपए

नासा के अनुसार, 2012 से 2025 तक इस प्रोजेक्ट पर 93 बिलियन डॉलर या 7,434 अरब रुपए का खर्चा है. हर फ्लाइट 327 अरब रुपए की पड़ेगी.
इस प्रोजेक्ट पर अब तक 2949 अरब रुपए खर्च हो चुके हैं. अमेरिका 53 साल बाद इंसानों को चांद पर भेज रहा है. तीन भागों में बांटे गए इस मिशन में आर्टेमिस-1 ने चंद्रमा का चक्कर लगाकर कुछ छोटे सेटेलाइट्स छोड़े और फोटो दिए. 2025 में जाने वाला आर्टेमिस-2 में एस्ट्रोनॉट्स होंगे लेकिन वे चांद पर नहीं उतरेंगे बल्कि ऑर्बिट में घूमकर वापस आ जाएंगे. इसके बाद फाइनल मिशन आर्टेमिस-3 जाएगा. इसमें पहली बार कोई महिला भी मून मिशन का हिस्सा होगी. ये एस्ट्रोनॉट्स चांद के साउथ पोल पर पानी और बर्फ पर रिसर्च करेंगे.