July 23, 2025
लाइफस्टाइल

Junk Food बढ़ा रहा है स्वास्थ्य का खतरा

एक शोध में अमेरिका, ब्राज़ील और चीन की अंतराष्ट्रीय टीम ने 11 अमेरिकी प्रांतों की 74,563 महिला नर्सो और 39,501 पुरुष स्वास्थ्य पेशेवर को शामिल किया गया, जिनका कैंसर, ह्रदयरोग या मधुमेह का कोई पिछला रिकॉर्ड नहीं था. इन सभी के साथ पैकेज्ड फूड को लेकर यह समझने की कोशिश की गई कि पैकेज्ड फ़ूड, बैक किए सामान, स्नैक्स, अलग अलग तरह के ड्रिंक, और रेडी टू ईट फ़ूड से असमय मौत का ख़तरा कैसे बढ़ रहा है. दरअसल अल्ट्रा प्रोसेस्ड फ़ूड में रंग, इमल्सीफायर और ज्यादा चीनी, फैट और अतिरिक्त नमक होता है. इन फूड में फाइबर की कमी भी स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है. इस शोध से पता चला कि हर दिन सात प्रोसेस्ड फ़ूड से मौत का खतरा 9 प्रतिशत तक बढ़ जाता है जबकि मांस, पोल्ट्री, रेडी टू ईट सी फ़ूड से असमय मौत की 13 प्रतिशत अधिक संभावना मिली जबकि कोल्ड ड्रिंक पीने वालों में यह जोखिम 9 प्रतिशत तक बढ़ा मिला है.
ब्रेस्टफीडिंग प्रमोशन नेटवर्क ऑफ इंडिया और एनएपीआई की रिपोर्ट ‘दि जंक पुश’ में कहा गया है कि भारत मोटापे और मधुमेह के चलते स्वास्थ्य संकट में है. खान पान के बदलते पैटर्न से पैकेट फ़ूड की चापत बढ़ी और इनमें निर्धारित शकर, नमक व फैट की तय से ज्यादा मात्रा ने बीमारियों को बढ़ाया है. यूनिसेफ की एक रिपोर्ट कहती है कि भारत के 80 प्रतिशत बच्चे ‘हिडन हंगर’ का शिकार हैं. यानी जंक फ़ूड से उन्हें पेट तो भरा लगता है लेकिन शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व नहीं मिलते. 2015 में दिल्ली हाईकोर्ट ने एफएसएसएआई को स्कूलों के पास ज्यादा फैट, नमक और शकर वाले सामान की गाइडलाइंस कड़ाई से लागू करने को कहा था लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
लाइफ़ स्टाइल के नाम पर
जंक फूड के साथ अपनी सेहत से खिलवाड़ करने का परिणाम गम्भीर बीमारियों बतौर सामने आ रहा है. हार्ट प्रॉब्लम्स, ब्लडप्रेशर और शुगर अब आम हो हो रही हैं. हम पैकेज्ड फूड के दुष्प्रभाव से कैसे बचें इस पर गंभीर होने की ज़रूरत है. यह भी समझना होगा कि तमाम निर्देशों के बाद भी पैकेट वाले फूड पर वह सारी जानकारी नहीं होती कि इससे आपको किस हद तक नुकसान होता है और ऐसे में हमें खुद के शरीर को लेकर खुद ही तय करना होगा कि क्या वाकई हमें पैकेज्ड और जंक फूड की इतनी जरुरत है?