Japan Lander का चांद पर फिर जिंदा होना वैज्ञानिकों के लिए आश्चर्य
जब इस साल की शुरुआत में जापान का चंद्रयान चांद पर उतरा था, तब यह दुनिया की पांचवां देश बन गया था, जिसने चंद्रमा पर लैंडिंग की थी. अंतररक्ष यान ऐसे क्रेटर के पास उतरा था लेकिन इसकी लैंडिंग ठीक वैसी नहीं हुई थी जैसी जापान चाहता था. इस यान के अंतरिक्ष पैनल भी ठीक दिशा में नहीं थे यानी इनसे सूर्य से पर्याप्त ऊर्जा नहीं ली जा पा रही थी. जाहिर है ऐसी लैंडिंग के बाद जापान इसे लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं था और फिर जब सूर्य की रोशनी कुछ समय तक इस पर नहीं पड़नी थी उसके बाद इसके एक्टिव होने की कोई संभावना नहीं लग रही थी. जापान एयरोस्पेस एक्सपलोरेशन एजेंसी के अनुसार लैंडर चंद्रयान द्वारा तीसरी बार जीवित होकर तस्वीरें भेजना किसी चमत्कार जैसा ही है क्येांकि चंद्रमा पर 14 दिनों तक अंधेरा रहता है और तापमान के काफी नीचे चले जाने की वजह से इसके ज्यादा लंबे समय तक चलने की उममीद नहीं थी. एजेंसी के अनुसार जापान के लैंडर ने तीसरी बार ऐसी बाधाओं को को पार कर तस्वीरें भेजी हैं जिनके लिए उसे डिजाइन ही नहीं किया गया था. चंद्रमा की लंबी और ठंडी रातों में बिना सूर्य की रोशनी के और वह भी सही दिशा में पैनल न होने के बाद भी उसने फिर से रोशनी से ऊर्जा ली और महत्वपूर्ण तस्वीरें पहुंचाईं, यह कमाल ही कहा जाएगा.